नई दिल्ली: देश इस समय कोरोना वायरस (Coronavirus) समेत एक और संकट से जूझ रहा है वो है फेक न्यूज़ (Fake News). फेक और पैनिक फैलाने वाली खबरों पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने चिंता जाहिर की है. इसी के साथ सरकार को कोरोना वायरस से जुड़े संदेहों को दूर करने के लिए दैनिक बुलेटिन शुरू करने का आदेश भी दिया है. 


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कोर्ट ने बुधवार को सरकार से कहा कि लोगों के संदेह को दूर करने के लिए सोशल मीडिया समेत अन्य सभी माध्यमों पर दैनिक बुलेटिन शुरू किए जाएं. साथ ही कोर्ट ने फेक न्यूज़ को लेकर मीडिया से अपनी जिम्मेदारी निभाने को कहा है.


कोर्ट ने उम्मीद जताई है कि कोरोना वायरस को लेकर भारतीय मीडिया जिम्मेदारी के साथ अपना काम करती रहेगी. कोर्ट ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी के समय में मीडिया को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बिना पुष्टि के पैनिक फैलाने वाली सूचनाओं का प्रसारण न हो. 



उच्चतम न्यायालय ने कहा कि सरकार लोगों की आशंकाओं के समाधान के लिए रोजाना बुलेटिन का प्रसारण करे. मीडिया में स्वतंत्र चर्चा से परहेज नहीं होनी चाहिए लेकिन सरकारी प्रतिक्रियाओं को भी जगह मिले. कोर्ट ने कहा कि आज के समय में पैनिक लोगों के मेंटल हेल्थ पर बुरा असर डाल सकता है. 


न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है. एनबीए ने इसे लेकर खुशी जाहिर की है कि सरकार कोरोना वायरस पर रोज एक बुलेटिन जारी करेगी जिसमें लोगों की शंकाओं को दूर किया जाएगा. एनबीए का कहना है कि इससे मीडिया को भी सही रिपोर्टिंग करने में मदद मिलेगी. 


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