70 साल का बुजुर्ग 21 दिन से भूख हड़ताल पर, उसकी सेहत ठीक कैसे हो सकती है? पंजाब सरकार से SC का सवाल
Jagjit Singh Dallewal: सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि वह 21 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को मेडिकल जांच के लिए राजी करे.
Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पंजाब सरकार से कहा कि वह अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे 70 वर्षीय किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को स्वास्थ्य जांच के लिए राजी करे. SC ने जिक्र किया कि इरोम शर्मिला ने भी मेडिकल निगरानी में अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा था. शीर्ष अदालत ने पंजाब-हरियाणा के बीच खनौरी बॉर्डर पर अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे डल्लेवाल का चिकित्सकीय परीक्षण नहीं कराने पर पंजाब सरकार को फटकार लगाई.
'21 दिन से भूख हड़ताल जारी, ठीक कैसे हैं डल्लेवाल?'
अदालत ने बुनियादी मेडिकल टेस्ट्स के बिना ही डल्लेवाल के ठीक होने की बात कहने वाले पंजाब सरकार के डॉक्टरों के बयान का जिक्र किया. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने पूछा, '70 वर्षीय एक व्यक्ति जो 21 दिन से भूख हड़ताल पर है और विभिन्न बीमारियों से पीड़ित है, उसका स्वास्थ्य ठीक है? यह कैसे हो सकता है? क्या आपने उसका रक्त परीक्षण, ईसीजी परीक्षण और आवश्यक जांच कराई है?' जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, 'जब हम खुद संतुष्ट हो जाएंगे कि वह सुरक्षित हैं तो अदालत उनसे (जगजीत सिंह डल्लेवाल) बात करेगी.'
यह भी पढ़ें: 11 महीने की बच्ची की गुहार, जान बचाने के लिए चाहिए 14 करोड़ का इंजेक्शन, SC ने सरकार से मांगा जवाब
'डॉक्टरों की देख-रेख में प्रदर्शन जारी रखें'
SC ने कहा कि कोई भी किसानों को विरोध प्रदर्शन से डिगाने की कोशिश नहीं कर रहा है और अदालत केवल 'जन नेता' डल्लेवाल की सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहती है. जस्टिस भुइयां ने कहा, 'नागरिक अधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला का मामला लें, उन्होंने चिकित्सकीय देखरेख में वर्षों तक अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा. इसी तरह, डल्लेवाल भी चिकित्सकीय देखरेख में अपना विरोध जारी रख सकते हैं.'
किसान नेता ने कथित तौर पर पंजाब के अधिकारियों के माध्यम से कहा था कि वह व्यक्तिगत रूप से अदालत से बात करना चाहते हैं. SC ने पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह से कहा कि वह डल्लेवाल को कम से कम एक सप्ताह के लिए चिकित्सा उपचार लेने के लिए राजी करें, अन्य लोग विरोध प्रदर्शन जारी रख सकते हैं. सिंह ने डल्लेवाल को समझाने और उनकी कुशलक्षेम सुनिश्चित करने के लिए उन्हें अदालत की भावनाओं से अवगत कराने के वास्ते एक दिन का समय मांगा. पीठ ने मामले को 20 दिसंबर के लिए सूचीबद्ध कर दिया.
Explainer: नौ दिनों में 100 से धमकियां, अब तक क्यों खाली हैं दिल्ली पुलिस के हाथ?
क्या मांग रहे हैं किसान?
डल्लेवाल फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी सहित आंदोलनकारी किसानों की अन्य मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के वास्ते 26 नवंबर से खनौरी बॉर्डर पर अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं. सुरक्षाबलों द्वारा दिल्ली में प्रवेश से रोके जाने के बाद से किसान संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू तथा खनौरी बार्डर पर डेरा डाले हुए हैं. (भाषा इनपुट)