Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की उस याचिका को खारिज किया है. जिसमें बैंक ने इलेक्टोरल बॉन्ड्स की खरीद से जुड़ी सारी जानकारी देने के लिए 30 जून तक का समय मांगा था. कोर्ट ने एसबीआई को कल तक सारी जानकारी चुनाव आयोग को सौंपने का आदेश दिया है. चुनाव आयोग इसे 15 मार्च तक अपनी वेबसाइट पर जारी करेगा.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 


 


SBI ने किस आधार पर वक्त मांगा था


एसबीआई की ओर से आज हरीश साल्वे ने कहा कि बैंक के पास इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाले और इसे भुनाने वाली राजनीतिक पार्टी, दोनो की ही सूचना उपलब्ध है, पर ये दोनो जानकारी अलग अलग जगह मौजूद है. हमे ये तय करने के लिए किस शख्स ने किस राजनीतिक पार्टी को कितना चंदा दिया है, इस जानकरी का मिलान करना होगा. ये एक जटिल प्रकिया है.


 


44 हजार से ज्यादा दस्तावेज मिलान की जरूरत-SBI


 


हरीश साल्वे की ओर से कहा गया कि चूंकि इस स्कीम के तहत दानकर्ता की जानकारी गोपनीय रखनी थी. लिहाजा इसका डिजिटाइजेशन नहीं किया गया है. 12 अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 के बीच  22,217 बॉन्ड्स खरीदे गए. यानी कुल 44 हजार से ज्यादा दस्तावेज का मिलान करना है.


 


कोर्ट ने SBI की मांग क्यों की खारिज 


 


सुप्रीम कोर्ट ने SBI की इस दलील पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर आप हमारे पुराने आदेश में दिए गए निर्देश को देखें तो उसके मुताबिक आपको इन दोनों जानकारियों के मिलान की कोई जरूरत नहीं है. आपको उसे आदेश के मुताबिक सिर्फ अपने पास उपलब्ध आंकड़ों को इलेक्शन कमीशन को सौंपना था, इसलिए इस आधार पर समय सीमा नहीं बढ़ाई जा सकती. कोर्ट ने कहा कि आपके आवेदन से ही साफ है, कि जो जानकारी मांगी गई है, वो बैंक के पास पहले से ही उपलब्ध है. आपको सिर्फ सीलबंद कवर को खोलना है, इसलिए समयसीमा बढ़ाने का कोई औचित्य नजर नहीं आता.


 


SBI के रवैये पर भी सवाल


 


कोर्ट ने SBI के रवैये पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि हमारा पुराना आदेश 15 फरवरी का है. आज 11 मार्च  हो गया है आप अपने आवेदन में जानकारी उपलब्ध कराने के लिए और वक्त दिए जाने की तो मांग कर रहे हैं, लेकिन आपने इस आवेदन में कहीं इस बात का जिक्र नहीं किया कि पिछले 26 दिनों में अपने आखिर क्या किया है. आपने इनमें से कितने आंकड़ों का अभी तक मिलान किया है. एसबीआई जैसी एक संस्था से हम इतनी साफगोई की उम्मीद तो रखते हैं. 


 


अवमानना कार्रवाई की चेतावनी


 


सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई के अध्यक्ष और मैनेजिंग डायरेक्टर से आज के आदेश पर अमल सुनिश्चित करने को लेकर हलफनामा भी दाखिल करने के लिए कहा है. कोर्ट ने कहा कि अभी हम अवमानना कार्रवाई नहीं शुरु कर रहे है, लेकिन अगर बैंक कल तक की तय समयसीमा में ये आंकड़े उपलब्ध नहीं कराता तो हम अवमानना की कार्रवाई भी शुरु कर सकते है. 


 


15 फरवरी का क्या आदेश था


 


15 फरवरी को संविधान पीठ में इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को असंवैधानिक घोषित करते हुए 6 मार्च तक एसबीआई को बॉन्ड खरीदने वाले का नाम, बांड की राशि और बॉन्ड को भुनाने (encash) वाले पार्टी की जानकारी चुनाव आयोग को सौंपने का आदेश दिया था.