Udit Raj on EWS Reservation: आर्थिक आधार पर सामान्य वर्ग के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले पर कांग्रेस नेता उदित राज (Udit Raj) ने सवाल उठाया है. उदित राज ने सुप्रीम कोर्ट को जातिवादी करार दिया. उन्होंने कहा कि EWS आरक्षण की बात आई तो सुप्रीम कोर्ट ने कैसे पलटी मारी और SC/ST/OBC को आरक्षण देने की बात आती थी तो इंदिरा साहनी मामले में लगी 50 प्रतिशत की सीमा का हवाला दिया जाता रहा.


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सुप्रीम कोर्ट जातिवादी है: उदित राज


उदित राज (Udit Raj) ने ट्वीट कर कहा, 'सुप्रीम कोर्ट जातिवादी है, अब भी कोई शक! EWS आरक्षण की बात आई तो कैसे पलटी मारी कि 50 प्रतिशत की सीमा संवैधानिक बाध्यता नहीं है, लेकिन जब भी SC/ST/OBC को आरक्षण देने की बात आती थी तो इंदिरा साहनी मामले में लगी 50 प्रतिशत की सीमा का हवाला दिया जाता रहा.'



EWS आरक्षण के पक्ष में SC के तीन जजों ने सुनाया फैसला


आर्थिक आधार पर सामान्य वर्ग के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण देने पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि यह संविधान की मूल भावना के खिलाफ नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की बेंच में से तीन जजों ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसके बाद यह आरक्षण जारी रहेगा. 


आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने वाले 103वें संविधान संशोधन को बरकरार रखते हुए जस्टिस दिनेश माहेश्वरी ने कहा कि यह संविधान के बुनियादी ढांचे का उल्लंघन नहीं करता है. जस्टिस बेला एम त्रिवेदी, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला ने भी दाखिला और सरकारी नौकरियों में ईडब्ल्यूएस आरक्षण बरकरार रखा. जस्टिस रवींद्र भट्ट ने आरक्षण के खिलाफ फैसला सुनाया और कहा कि यह मूल भावना के अनुकूल नहीं है. उन्होंने कहा कि एसटी, एससी और ओबीसी को आरक्षण से बाहर रखना ठीक नहीं है. चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित (UU Lalit) ने भी आर्थिक आधार पर सामान्य वर्ग के लोगों को आरक्षण देने के फैसले को खिलाफ फैसला सुनाया है और कहा है कि SC /ST/ OBC समुदाय को आर्थिक आधार पर आरक्षण से बाहर रखना भेदभावपूर्ण है.


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