Supreme Court News: आम आदमी पार्टी को दिल्ली के राउज एवेन्यू स्थित दफ्तर 15 जून तक खाली करना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यह आदेश पारित किया. SC ने पाया कि यह जमीन दिल्‍ली हाई कोर्ट को आवंटित की गई थी. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए AAP को 15 जून तक की मोहलत दे दी. SC ने कहा कि AAP को उस जमीन पर बने रहने का कोई कानूनी हक नहीं है. कोर्ट ने कहा कि पार्टी चाहे तो ऑफिस के लिए लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस (L&DO) से जमीन आवंटित करने का आवेदन कर सकती है. अदालत ने LD&O से चार हफ्तों के भीतर अपने फैसले की जानकारी AAP को देने को कहा है.


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सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने SC से कहा कि AAP देश की छह राष्ट्रीय पार्टियों में से एक है. इसके बावजूद उसे कुछ नहीं मिलता. सिंघवी ने कहा, 'मुझे (AAP को) बदरपुर दिया गया जबकि बाकी सब बेहतर जगहों पर हैं.' पिछली सुनवाई में राउज एवेन्यू की जमीन पर 'अतिक्रमण' के लिए सुप्रीम कोर्ट ने AAP को कड़ी फटकार लगाई थी.


'2017 से जमीन पर AAP का कब्जा', केंद्र ने कहा


सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सोमवार को कहा कि AAP का भूमि आवंटन 2017 में वापस ले लिया गया था. कम से कम 2017 से AAP 'अतिक्रमणकर्ता' है. सुनवाई के दौरान, सीजेआई चंद्रचूड़ ने AAP के वकील सिंघवी से कहा, 'डॉ. सिंघवी, 2017 के बाद से आपके पास कब्जे का कोई कानूनी अधिकार नहीं रहा. आप इससे इनकार नहीं कर सकते.'


इससे पहले, 13 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने एडवोकेट के. परमेश्वर के बयान का संज्ञान लिया था. अदालत के सामने देश के जुडिशियल इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर का मामला आया था. दिल्‍ली हाई कोर्ट की ओर से पेश हुए परमेश्‍वर ने बताया था कि दिल्‍ली हाई कोर्ट को आवंटित जमीन पर एक राजनीतिक पार्टी का दफ्तर बन गया है. दिल्‍ली HC के अधिकार जमीन वापस लेने गए थे मगर सफल नहीं हो पाए.


हम राष्‍ट्रीय पार्टी, लेकिन ऑफिस नहीं मिला: AAP


AAP ने एक हलफनामा दायर कर कहा था कि वह प्लॉट उसे 2015 में दिल्‍ली सरकार ने आवंटित किया था. 2020 में उस प्‍लॉट को LD&O ने अतिरिक्त कोर्टरूम बनाने की जगह के रूप में चुना. AAP ने कहा कि उसे बंगला नंबर 206 एक राष्‍ट्रीय महत्‍व की पार्टी होने के नाते अलॉट किया गया था. AAP ने कहा था कि वह ऑफिस खाली करने को तैयार है मगर लोकसभा चुनाव को देखते हुए उसे कुछ समय चाहिए.


चुनाव आयोग ने 10 अप्रैल, 2023 को AAP को राष्‍ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया था. सुप्रीम कोर्ट में पार्टी ने दावा किया कि गाइडलाइन के हिसाब से उसे दिल्ली में ऑफिस के लिए दो जगहें मिलनी चाहिए- एक राष्ट्रीय इकाई के लिए और दूसरी राज्य इकाई के लिए. AAP ने बताया था कि उसे केवल स्टेट यूनिट के ऑफिस के लिए स्‍पेस अलॉट किया गया है.