Sushant Suicide Case: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, अब CBI करेगी जांच
बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) केस में अब न्याय होगा. इस फैसले से देश के लोगों का सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में विश्वास बढ़ा है.
नई दिल्ली: बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की मौत के मामले की जांच को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सीबीआई (CBI) को सौंपने का फैसला किया है. सुशांत के पिता और बिहार सरकार की तरफ से इस केस की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के दावे को खारिज कर दिया और निर्देश देते हुए कहा कि मुंबई पुलिस सारे सबूत सीबीआई को आगे की जांच के लिए सौंप दे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुशांत प्रतिभाशाली अभिनेता थे. जो अपनी अभिनय क्षमता दिखाने से पहले ही दुनिया से चल बसे. उनके परिजन, दोस्त और प्रशंसक भी जांच के परिणाम की बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे हैं ताकि मौत को लेकर सभी तरह की अटकलों पर विराम लग जाए. इसीलिए एक निष्पक्ष जांच समय की मांग है. सुशांत के पिता के लिए भी उचित न्याय होगा जिन्होंने अपना इकलौता बेटा खोया है.
मामले में याचिकाकर्ता रिया चक्रवर्ती पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिया ने खुद भी सीबीआई जांच की मांग की थी. उसे भी न्याय मिलना चाहिए.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने विशेषाधिकार अनुच्छेद 142 के तहत CBI जांच का आदेश दिया है. ये फैसला पूर्ण न्याय और जांच को लेकर लोगों का भरोसा कायम करने के लिए किया गया है. सुशांत केस पर दिए आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने ये भी दर्ज किया, 'जब सच सामने आएगा तो दिवंगत आत्मा को भी शांति मिलेगी. सत्यमेव जयते.'
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सुशांत केस की जांच के लिए CBI द्वारा बनाई गई SIT टीम अब जल्द ही मुंबई पुलिस के नोडल अधिकारी (डीसीपी क्रॉइम ब्रांच ऑफिसर) से मिलेगी और इस केस से जुड़ी सारी जानकारी जैसे दस्तावेज, स्टेटमेंट्स, फॉरेंसिक रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, मोबाइल फॉरेंसिक रिपोर्ट, बैंक एकाउंट्स फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट ले लेगी.
सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि बिहार पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का अधिकार था. पटना में दर्ज हुई एफआईआर सही थी. बिहार पुलिस को भी मामले की जांच करने का अधिकार था. मुंबई पुलिस ने सुशांत की मौत को लेकर दुर्घटना के पहलू तक जांच की जबकि बिहार पुलिस ने सभी पहलुओं को लेकर एफआईआर दर्ज की थी. बिहार सरकार को CBI जांच की सिफारिश करने का अधिकार था.
सुशांत के पिता के वकील विकास सिंह ने कहा कि ये सुशांत सिंह राजपूत के परिवार के लिए बड़ी जीत है. अब इंसाफ मिलने की उम्मीद है. मुंबई पुलिस ने तो अभी तक मामले में केस भी नहीं दर्ज किया था.
वहीं बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि सुशांत केस में अब न्याय होगा. इस फैसले से देश के लोगों का सुप्रीम कोर्ट में विश्वास बढ़ा है.
बता दें कि बिहार सरकार पहले ही पटना में दर्ज एफआईआर की जांच सीबीआई को सौंप चुकी है. जबकि महाराष्ट्र सरकार सीबीआई को सुशांत के मामले की जांच को सौंपे जाने का विरोध कर रही थी. महाराष्ट्र सरकार की दलील थी कि मुंबई पुलिस ही मामले की जांच करे क्योंकि वो इस मामले में 56 लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है.
उद्धव सरकार की तरफ से ये भी कहा गया था कि सुशांत की मौत का मामला मुंबई पुलिस के अधिकार क्षेत्र का है क्योंकि घटना मुंबई में हुई और पीड़ित, आरोपी व गवाह सभी मुंबई के हैं.
गौरतलब है कि सुशांत के पिता ने पहले पटना में एफआईआर दर्ज करवाई थी लेकिन बाद में उन्होंने मामला सीबीआई को केस सौंपने की मांग की. वहीं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए जवाब में आरोपी रिया चक्रवर्ती ने कहा था कि मामले की जांच सीबीआई को सौंपने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है.
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