Supreme Court Lalit Modi: सुप्रीम कोर्ट ने अवमाननापूर्ण सोशल मीडिया पोस्ट के लिए पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने उन्हें बिना शर्त माफी मांगने को कहा है. इसके लिए कोर्ट ने ललित मोदी को सोशल मीडिया पर और राष्ट्रीय अखबारों में माफीनामा छपवाने का निर्देश दिया है.


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कोर्ट ने हलफनामा दाखिल करने को कहा


जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सी टी रविकुमार की बेंच ने कहा कि वो ललित मोदी के जवाब से संतुष्ट नहीं है. उन्हें पता होना चाहिए कि वो क़ानून या कोर्ट से ऊपर नहीं है.  कोर्ट ने ललित माफी को माफीनामे को लेकर हलफनामा भी दाखिल करने को कहा है. 


इस हलफनामे में ललित मोदी को ये अंडरटेकिंग भी देनी होगी कि वो भविष्य में भारतीय न्यायपालिका की साख को नुकसान पहुंचाने वाली कोई टिप्पणी सोशल मीडिया पर नहीं करेंगे. दरअसल ललित मोदी ने अपने एक पारिवारिक मुकदमे में सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई और वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी की दलील पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. 


एक इंस्टाग्राम पोस्ट में ललित मोदी ने रोहतगी के खिलाफ कुछ टिप्पणियां की थीं. हालांकि बाद में एक अन्य पोस्ट में उन्होंने कथित तौर पर वरिष्ठ अधिवक्ता से माफी मांगी. 13 जनवरी को ललित मोदी के इंस्टाग्राम पोस्ट पर रोहतगी ने कहा, यह बकवास है और वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते.


इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने ललित मोदी द्वारा भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी के खिलाफ की गई टिप्पणी के संबंध में एक आवेदन पर सुनवाई करते हुए कहा कि वकीलों को परिवार के झगड़े में शामिल नहीं होना चाहिए. वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि यह वचनबद्धता थी कि सोशल मीडिया पर कोई टिप्पणी नहीं होगी.


रोहतगी के खिलाफ मोदी की एक सोशल मीडिया पोस्ट का हवाला देते हुए कपिल सिब्बल ने कहा, हमारे पास यूआरएल हैं, इसका उल्लंघन किया जा रहा है. ललित मोदी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि वह दिखाएंगे कि वचनबंध का उल्लंघन नहीं किया गया है. 


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