SC on Election Promises: चुनाव में राजनीतिक दलों के मुफ्त सुविधाएं देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट मे कहा है कि मुफ्तखोरी देश अर्थव्यवस्था के लिए खतरा है. ये गंभीर मसला है. चुनाव आयोग इस पर ध्यान दे. केंद्र सरकार ने भी चुनाव में मुफ्त सुविधाओं का वादा करने वाले राजनीतिक दलों पर लगाम लगने की मांग का समर्थन किया है.


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चुनाव आयोग से कही ये बात


चुनाव में मुफ्त सुविधाओं का वादा करने वाले राजनीतिक दलों की मान्यता रद्द करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, कोर्ट ने चुनाव आयोग से इस मामले की और ध्यान देने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ये मामला बेहद गंभीर है. दिक्कत ये है कि हर राजनीतिक दल ऐसी घोषणाओं का फायदा उठाता है. किसी एक राजनीतिक दल की बात नहीं है. क्या संसद में इस पर चर्चा होगी?


सभी पक्षों से मांगे सुझाव


सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मामले से जुड़े सभी पक्ष लॉ कमीशन, नीति आयोग, सभी दल, लॉ कमीशन अपने सुझाव दें. सभी पक्ष उस संस्था के गठन पर विचार दें, जो हल निकाल सके. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, चुनाव आयोग, वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल और याचिकाकर्ताओं से एक एक्सपर्ट कमैटी के गठन पर अपने सुझाव 7 दिनों के भीतर प्रस्तुत करने को कहा, जो इस बात की जांच करेगी कि मुफ्त वादों को कैसे विनियमित किया जाए और इसकी एक रिपोर्ट तैयार की जाए.


इस मामले में अगली सुनवाई 11 अगस्त को होगी.