सुप्रीम कोर्ट ने कहा-प्रवासी मजदूरों की हालत खराब, सरकारें गंभीर नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो प्रवासी मजदूर पिछले साल अपने गांव वापस चले गए थे और जो शहर में वापस आ गए है, उनके लिए रोजगार या खाने पीने का साधन होना चाहिए.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल जुलाई में प्रवासी मजदूरों के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को कई निर्देश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उन आदेशों का कोई पालन नहीं हुआ है, क्योंकि किसी भी सरकार ने जवाब दाखिल नहीं किया है.
सामूहिक रसोई शुरू की जाए
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो प्रवासी मजदूर पिछले साल अपने गांव वापस चले गए थे और जो शहर में वापस आ गए है, उनके लिए रोजगार या खाने पीने का साधन होना चाहिए. कोर्ट ने ये भी कहा कि दिल्ली-एनसीआर में सामूहिक रसोई बनाई जाए, ताकि कोई भी नागरिक भूखा न रहे.
एक सप्ताह में देना होगा जवाब
प्रवासी मजदूरों की दशा और उनके लाभकारी योजनाओं पर राज्य सरकारों को एक हफ्ते में जवाब देना होग. सुप्रीम कोर्ट प्रवासी मजदूरों पर आज शाम चार बजे तक आदेश पारित करेगा.
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ऑक्सीजन सिलेंडर मामले में दिल्ली के मंत्री को क्लीनचिट
ऑक्सीज़न सिलेंडर की जमाखोरी के मामले में दिल्ली सरकार में मंत्री इमरान हुसैन को दिल्ली हाईकोर्ट से क्लीन चिट मिल गई है. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि अगर नियम-कानून का उल्लंघन नहीं हुआ, तो इमरान हुसैन अपना काम जारी रख सकते हैं. दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया इमरान हुसैन को दिल्ली के कोटे से ऑक्सीजन नहीं दी गई. इस दौरान आप नेता इमरान हुसैन ने 10 ऑक्सीज़न सिलेंडर किराए पर लेने के दस्तावेज भी दिल्ली हाई कोर्ट के सामने रखे. विधायक इमरान हुसैन ने ऑक्सीजन रिफिल करवाने से जुड़ी हुई रसीदें भी कोर्ट को दी हैं.