Prabhunath Singh Imprisonment: 1995 के डबल मर्डर केस (Double Murder Case) में आरजेडी (RJD) के पूर्व के सांसद प्रभुनाथ सिंह (Prabhunath Singh) को सुप्रीम कोर्ट (SC) ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. इस केस में निचली अदालत से लेकर हाईकोर्ट तक ने प्रभुनाथ सिंह को बरी कर दिया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने राज्य मशीनरी और ट्रायल पर सवाल खड़े करते हुए प्रभुनाथ सिंह को दोषी करार दिया था. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए टिप्पणी की कि ऐसा केस पहले नहीं देखा.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

वोट न देने पर की गई थी हत्या


प्रभुनाथ सिंह को उम्रकैद की सजा देने के साथ ही कोर्ट ने पीड़ित परिवार को 10 लाख का मुआवजा देने का निर्देश भी दिया. इनमें से 5 लाख प्रभुनाथ सिंह की ओर से और 5 लाख सरकार की ओर से पीड़ित परिवार को दिया जाएगा. ये मामला 1995 के चुनाव में छपरा के मसरख में राजेंद्र राय और दारोगा राय की हत्या से जुड़ा है. इन लोगों की प्रभुनाथ सिंह के कहे अनुसार वोट नहीं करने पर हत्या कर दी गई थी.


SC ने उठाए पुलिस, प्रॉसिक्यूशन और कोर्ट की भूमिका पर सवाल


18 अगस्त को अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने इस केस में जांच अधिकारी, पब्लिक प्रोसिक्यूटर और कोर्ट की भूमिका पर सख्त सवाल खड़े किए थे. कोर्ट ने कहा कि ये सब अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकामयाब रहे, जिसके चलते प्रभुनाथ सिंह को सजा नहीं हो पाई. ट्रायल के दौरान सारे अहम सबूतों और गवाहियों को नजरअंदाज किया गया, जिसके चलते आरोपी बच सके. निचली अदालतों इस मामले में  पुलिस की तरफ से जानबूझकर बरती गई लापरवाही को और अभियोजन पक्ष के लचर रवैये को नजरअंदाज किया. पटना हाई कोर्ट ने भी राजेंद्र राय के मौत से पहले दिए बयान और उनकी मां के बतौर चश्मदीद गवाह दिए बयान को नजरअंदाज कर दिया.


अपने खिलाफ जीतने वाले विधायक की हत्या केस में भी उम्रकैद


जान लें कि प्रभुनाथ सिंह इस केस के अलावा हत्या के अन्य मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है. वो मामला विधायक अशोक सिंह की हत्या से जुड़ा है. अशोक सिंह की हत्या इसलिए कर दी गई थी कि उसने 1995 में विधानसभा चुनाव में प्रभुनाथ सिंह को हरा दिया था. प्रभुनाथ सिंह ने चुनाव के बाद उन्हें 90 दिनों के अंदर मारने की धमकी दी थी. यानी आज के फैसले के बाद प्रभुनाथ सिंह पर दो केस में उम्रकैद की सजा हुई हैं. एक केस है अपने खिलाफ जीतने वाले उम्मीदवार को हत्या का और दूसरा उन लोगों की हत्या का जिन्होंने उसे वोट नहीं दिया.