नई दिल्ली: उत्तराखंड में पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगले के बकाया किराए के मामले मेें पूर्व सीएम और केन्द्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (Ramesh Pokharial nishank) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने निशंक के खिलाफ लंबित अवमानना कार्यवाही पर रोक लगाते हुए उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. दरअसल, इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्रियों से बकाया वसूली के मामले ने हाई कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार, मुख्य सचिव और तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को अवमानना का नोटिस जारी किया था.


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उत्तराखंड हाई कोर्ट ने भेजा था नोटिस
उत्तराखंड हाई कोर्ट के जस्टिस शरद शर्मा (Justice Sharad Sharma) की कोर्ट ने तीन हफ्तों में नोटिस पर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने पूछा था कि क्यों न आप पर अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाए. याचिका में पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, रमेश पोखरियाल निशंक, बीसी खण्डूरी और राज्य के मुख्य सचिव ओमप्रकाश को पक्षकार बनाया गया था. इस मामले में एक और पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) को रुलक संस्था ने 361 के तहत पहले ही नोटिस भेजा था.


बंगले का किराया वसूलने का मामला
गौरतलब है कि हाईकोर्ट में देहरादून (Dehradun) की रुरल लिटिगेशन एंड एंटाइटलमेंट केंद्र ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकार द्वारा जो सरकारी भवन और सुविधाएं दी जा रहीं हैं, वह नियमविरुद्ध हैं. जब से पूर्व मुख्यमंत्री सरकारी भवन का प्रयोग कर रहे हैं, उनसे उक्त अवधि से अब तक का किराया वसूलने की मांग भी की गई थी.