West Bengal The Kerala Story Ban: सुप्रीम कोर्ट से द केरल स्टोरी के निर्माताओं को बड़ी राहत मिली है.फिल्म पर बैन के पश्चिम बंगाल सरकार के आदेश पर  सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि बंगाल सरकार का फिल्म पर बैन का आदेश तर्कसंगत नहीं है. कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को भी फिल्म की स्क्रीनिंग सुनिश्चित करने का आदेश दिया.


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कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से कहा कि सिनेमाघरों में मूवी देखने जा रहे लोगों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए. इस मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी. फिल्म निर्माताओं की ओर से वकील साल्वे ने भरोसा दिलाया कि  20 मई की शाम 5 बजे तक फिल्म में डिस्क्लेमर जोड़ा जाएगा कि  32 हज़ार लोगों के धर्मांतरण को साबित करने के लिए कोई पुख्ता आंकड़ा नहीं है और फिल्म इस विषय के काल्पनिक वर्जन को दर्शाती है. 


'कानून-व्यवस्था कायम करना राज्य का काम'


सुप्रीम कोर्ट में निर्माता ने कहा, फिल्म को सर्टिफिकेशन देने के खिलाफ किसी ने भी कोई सांविधिक अपील दायर नहीं की है. सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से कहा कि कानून-व्यवस्था कायम रखना राज्य का काम है. कानून का इस्तेमाल सार्वजनिक असहिष्णुता को बढ़ावा देने के लिए नहीं किया जा सकता है, वरना सभी फिल्मों को लेकर ऐसी ही स्थिति पैदा होगी. 


'बंगाल में क्या दिक्कत है'


कोर्ट ने कहा कि फिल्म को मिले प्रमाण-पत्र को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसले के लिए कार्यवाही से पहले वह द केरल स्टोरी देखना चाहेगा. द केरल स्टोरी पर बैन को लेकर पैदा हुए विवाद पर बंगाल सरकार की ओर वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए. उन्होंने कोर्ट से कहा था कि फिल्म पर दंगे की आशंका को देखते हुए बैन लगाया गया था. इस पर सीजेआई ने कहा कि कानून का राज कायम करना राज्य की जिम्मेदारी है.


कोर्ट ने पूछा कि जब पूरे देश में फिल्म रिलीज हो सकती है तो बंगाल में क्या दिक्कत है. अगर किसी जिले में कानून-व्यवस्था की समस्या है तो वहां फिल्म पर प्रतिबंध लगाइए. एक जिले की समस्या से पूरे राज्य में तो बैन नहीं लगाया जा सकता.