T Raja Statement: पैगंबर मुहम्मद पर विवादित टिप्पणी करने वाले बीजेपी के निलंबित नेता टी राजा सिंह को तेलंगाना पुलिस ने एक बार फिर गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तारी से पहले टी राजा ने एक वीडियो जारी किया. उन्होंने तेलंगाना पुलिस को हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की कठपुतली बताया. टी राजा ने कहा कि मैं किसी से डरने वाला नहीं हूं. मैं मर जाने के लिए भी तैयार हूं.


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टी राजा के खिलाफ प्रदर्शन 


तेलंगाना पुलिस ने निलंबित बीजेपी नेता टी राजा सिंह को पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ कथित टिप्पणी के आरोप में हैदराबाद स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया. टी राजा के कथित बयान के लिए 23 अगस्त को हैदराबाद में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे.


इससे पहले पुलिस ने गुरुवार को टी राजा सिंह को उनके खिलाफ दो पुराने मामलों में नोटिस जारी किया, जबकि पैगंबर मुहम्मद के बारे में कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए उनकी फिर से गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन जारी है. शाहीनायथगंज और मंगलहट थाने के पुलिस अधिकारियों ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए के तहत नोटिस जारी किया. 



मंगलहाट पुलिस ने फरवरी में उत्तर प्रदेश के मतदाताओं को धमकाने के लिए एक वीडियो के माध्यम से दर्ज की गई शिकायत के संबंध में नोटिस जारी किया था, जो उस राज्य में विधानसभा चुनाव के दौरान वायरल हुआ था. भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.


शाहीनायथगंज पुलिस ने अप्रैल में बेगम बाजार में भड़काऊ भाषण देने के एक मामले में नोटिस जारी किया था. विधायक के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन और हैदराबाद के कुछ हिस्सों में तनावपूर्ण स्थिति के बीच विकास हुआ.


पहले भी हो चुके हैं गिरफ्तार


टी राजा की आपत्तिजनक टिप्पणी पर भारी विरोध के बाद पुलिस ने मंगलवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.हालांकि, उन्हें उसी दिन शहर की एक अदालत ने जमानत दे दी थी. नामपल्ली में 14वीं अतिरिक्त मेट्रोपॉलिटन कोर्ट ने पुलिस की रिमांड रिपोर्ट को इस आधार पर खारिज कर दिया कि उन्होंने सीआरपीसी के 141 ए के तहत विधायक को नोटिस जारी नहीं किया था. धर्म के आधार पर लोगों के वर्गो के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए विधायक के खिलाफ हैदराबाद के विभिन्न हिस्सों और तेलंगाना के अन्य जिलों के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में मामले दर्ज किए गए थे. उसे दो थानों में दर्ज मामलों के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था.


हालांकि, उनकी जमानत याचिका पर बहस के दौरान, उनके वकील ने अदालत के ध्यान में लाया था कि पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत मामलों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया, जिसमें अधिकतम सात साल कैद की सजा का प्रावधान है.


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