Syed Sarwar Chishti Ajmer Sharif: सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह पूरे देश और दुनिया में अमन का पैगाम देने वाली मुकद्दस जगह कहलाती है. लेकिन नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) मामले के बाद जिस तरह से इस दरगाह का इस्तेमाल धार्मिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए किया जा रहा है, उसी कड़ी में एक के बाद एक विवादित वीडियो वायरल हो कर सामने आ रहे हैं. ताजा मामला अजमेर की दरगाह की अंजुमन कमेटी के सचिव सरवर चिश्ती का है यह वही सरवर चिश्ती हैं जो खुलेआम अपने आपको PFI का मेंबर करार देते हुए लगातार विवादास्पद तकरीरें कर रहे हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बेअदबी के बदले में हिंदु्स्तान हिलाने वाला ऐलान


ताजा वीडियो उस समय का है जब सरवर चिश्ती अंजुमन कमेटी के सचिव चुने गए और उसके बाद उन्होंने अपनी कौम को संबोधित करते हुए पैगंबर मोहम्मद और सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के खिलाफ लगातार हो रही बेअदबी का हवाला देते हुए ऐलान किया कि अब ऐसा आंदोलन किया जाएगा जिससे पूरा हिंदुस्तान हिल जाएगा. सरवर चिश्ती ने जिस अंदाज में यह ऐलान किया वह उनके इरादों को साफ तौर पर जाहिर करता हुआ नजर आ रहा है एक बार किस तरह से अंजुमन कमेटी के सचिव सरवर चिश्ती ने खुलेआम हिंदुस्तान को हिला देने की बात कही.


इससे पहले भी हो चुका है ऐलान


ऐसा नहीं है कि सरवर चिश्ती ने इस तरह की हिमाकत कोई पहली बार की हो इससे पहले भी विगत 26 जून को हिंदू समाज द्वारा निकाले गए जुलूस के बाद सरवर चिश्ती का एक विवादास्पद वीडियो वायरल हुआ था. इस वीडियो में सरवर चिश्ती ने दरगाह की सीढ़ियों पर खड़े होकर हिंदू समाज की आलोचना करते हुए उन हिंदू दुकानदारों को निशाना बनाया था, जिनकी दुकानें दरगाह के आसपास के इलाकों में हैं. उन्होंने कहा कि यह सभी दुकानदार जायरीन से कमाते हैं और उन्होंने कहा कि अब इनके विषय में जायरीन को ही निर्णय करना होगा. सीधे तौर पर इस तकरीर में सरवर चिश्ती ने हिंदू समाज की आलोचना करते हुए हिंदू समाज के दुकानदारों के आर्थिक बहिष्कार की बात कही थी.


हिंदू दुकानदारों का विरोध करने की अपील


सरवर चिश्ती के इस ऐलान का असर भी तुरंत ही सामने आया. Zee मीडिया के पास इस तरह के कुछ ऑडियो मैसेज आए हैं जिसमें सरवर चिश्ती की तरह की ही बातें करते हुए जायरीन और मुसलमानों से अपील की जा रही है कि वे हिंदू दुकानदारों का आर्थिक रूप से बहिष्कार करें ताकि उनकी आर्थिक कमर को तोड़ा जा सके.


पहले भी लगा चुके हैं नुपुर शर्मा का सर कलम करने के नारे


इससे पहले भी सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह की सीढ़ियों पर खड़े होकर दरगाह के खादिम गौहर चिश्ती ने भी अपने साथियों के साथ मिलकर आपत्तिजनक नारेबाजी की थी और नूपुर शर्मा का सर कलम किए जाने संबंधी नारे लगाए थे. इस मामले में दरगाह पुलिस थाने में एक मुकदमा भी दर्ज हुआ जिसमें 4 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई लेकिन गौहर चिश्ती फरार होने में कामयाब हो गया.


नामचीन दरगाह से ओछी हरकतें


सबसे बड़ी बात यह है कि यह सब कुछ उस दरगाह से हो रहा है, जहां से पूरी दुनिया को अमन और चैन का पैगाम दिया जाता है. अपने आपको ख्वाजा साहब का वंशज करार देने वाले खुद ख्वाजा साहब की शिक्षाओं को भूल कर अपने कातिलाना इरादे जाहिर कर रहे हैं. लेकिन इन सबके बीच सवालों के घेरे में दरगाह कमेटी भी है. दरगाह एक्ट के तहत बनी यह कमेटी केंद्र सरकार के अधीन काम करती है और वर्ष 2020 में दरगाह कमेटी ने बाकायदा एक प्रस्ताव पारित किया और उस प्रस्ताव में कहा गया कि सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह का इस्तेमाल केवल मजहबी मामलों के लिए ही किया जाएगा. दरगाह का इस्तेमाल किसी भी स्थिति में देश की सरकारों और देश विरोधी गतिविधियों के लिए नहीं किया जाना चाहिए. इतना सब होने के बावजूद दरगाह कमेटी की चुप्पी आश्चर्यजनक है. आखिर क्या वजह है कि लगातार सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह का इस्तेमाल धार्मिक विद्वेष फैलाने के लिए किया जा रहा है. लेकिन दरगाह कमेटी कोई भी कदम उठाने को तैयार नहीं है.



ये स्टोरी आपने पढ़ी देश की सर्वश्रेष्ठ हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर


LIVE TV