नई दिल्ली: जनगणना पर कौन सच्चा, कौन झूठा? देश में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर यानि NPR को अपडेट पर केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद संग्राम छिड़ गया है. विपक्ष ने इसको लेकर भड़काऊ बयान देने का काम शुरू कर दिया है. AIMIM के नेता असददुद्दीन ओवैसी नागरिकता कानून के बाद NPR के विरोध में लग गए हैं. विपक्ष कह रहा है कि NPR एनआरसी की दिशा में पहला कदम है, लेकिन सरकार ने इस पर पूरी स्थिति स्पष्ट कर दी है. खुद गृहमंत्री अमित शाह ने NPR के बारे में पूरी जानकारी देकर भ्रम दूर करने की कोशिश की है. अमित शाह ने साफ किया है कि इसके लिए किसी दस्तावेज की जरुरत नहीं है और इसका NRC से दूर-दूर तक नाता नहीं है. इस मामले पर राजनीति शुरू हो चुकी है.


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ज़ी न्यूज़ न्यूज के सवाल है-:


1. NPR झांकी है, देश भर में NRC बाकी है ?
2. मनमोहन राज में NPR 'सही', मोदी राज में 'साजिश' ?
3. नागरिकता पर जानकारी देने से डर लगता है ?
4. नागरिकता के नाम पर डराने की सियासत क्यों ?
5. जनसंख्या रजिस्टर पर बीजेपी-कांग्रेस साथ-साथ ?


NPR झांकी है, देश भर में NRC बाकी है?
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अमित शाह ने कहा कि NPR और NRC इन दोनों प्रक्रिया का कोई लेन-देना नहीं है. ना दोनों प्रक्रिया का एक-दूसरे के सर्वे में उपयोग हो सकता है. NPR के लिए अभी जो प्रक्रिया चलेगी इसका उपयोग कभी भी NRC के लिए नहीं हो सकता, दोनों क़ानून भी अलग हैं. नागरिकता पर जानकारी देने से डर लगता है?


नागरिकता के नाम पर डराने की सियासत क्यों ?
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहा, "विपक्ष को इस बात को समझना चाहिए कि जो एक नियमित प्रक्रिया है, वो नियमित प्रक्रिया होगा की, नहीं होगा. उस पर भी सवाल कर दिया आपने, तो ये जो हॉरर हंगामा है और पॉलिटिकल ड्रामा है, ये बंद होना चाहिए." 


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मनमोहन राज में NPR 'सही', मोदी राज में 'साजिश'?
NPR पर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "NRC आपने बनाया था नागरिकता के लिए और वही पीछे दरवाजे से अब आप NPR करने की कोशिश कर रहे हैं. इसमें व्यक्ति के मां-बाप कहां पैदा हुए ये निरर्थक जानकारी होगी. ये सिर्फ नागरिकता से जुड़ी हुई जानकारी है, तो पहले सवाल में ही इनका नक़ाब गिर जाता है. उधर, CPI(M) पार्टी के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि पहला चरण NRC का है NPR, ये सरकार 9 बार बोल चुकी है पार्लियामेंट में, अब कैसे उन पर भरोसा करें. ऐसे में सवाल उठता है कि मनमोहन राज में NPR 'सही', मोदी राज में 'साजिश' कैसे?