चेन्नई: ऑक्सीजन संकट के बीच तमिलनाडु सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी (Edappadi K. Palaniswami) ने सर्वदलीय बैठक में वेदांता के स्टरलाइट इंडस्ट्रीज को चार महीनों के लिए ऑक्सीजन (Oxygen) बनाने की अनुमति देने पर सहमति दी है. बैठक में फैसला लिया गया है कि प्रदूषण की चिंताओं को लेकर 2018 से बंद स्टरलाइट इंडस्ट्रीज तांबे के उत्पाद या किसी अन्य गतिविधि में शामिल नहीं हो सकती.


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सुप्रीम कोर्ट ने कही थी ये बात
बता दें, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भी पिछले दिनों इस प्लांट को ऑक्सीजन निर्माण के लिए खोलने की बात कही थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से लोग मर रहे हैं तो ऐेसे में तमिलनाडु सरकार 2018 से बंद पड़ी वेदांता की स्टरलाइट इंडस्ट्री को अपने हाथ में लेकर Covid-19 मरीजों की जान बचाने के लिये ऑक्सीजन का उत्पादन क्यों नहीं करती? चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने साफ कहा था, ‘हमारी दिलचस्पी वेदांता या ए, बी, सी के चलाने में नहीं है. हमारी दिलचस्पी ऑक्सीजन के उत्पादन में है.'


वेदांता फ्री में ऑक्सीजन देने को तैयार
अदालत ने कहा था, किसी न किसी को कुछ न कुछ ठोस तो कहना चाहिए क्योंकि इस समय ऑक्सीजन की कमी की वजह से लोग मर रहे हैं. शीर्ष अदालत ने ये बात तमिलनाडु के तूतीकोरिन स्थित वेदांता के स्टरलाइट प्लांट को खोलने के लिये दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कही. वेदांता का कहना था कि वह हजारों टन ऑक्सीजन का उत्पादन करके इसे मुफ्त में उपलब्ध करायेगा ताकि मरीजों का इलाज हो सके. 


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प्लांट बंद कराने को हुआ था बड़ा आंदोलन


बता दें, इस प्लांट को बंद कराने के लिए बड़ा आंदोलन हुआ था. इस आन्दोलन के दौरान वहां 13 व्यक्तियों की जान चली गई थी. सुप्रीम कोर्ट में हुई पिछली सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने इस मामले में तमिलनाडु सरकार को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था.


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