यूरोपीय देश रोमानिया का है रहने वाला, यहां पर वोट मांगते देख लोग हुए भौचक्के
बिजनेस ट्रिप पर भारत आए एक विदेशी नागरिक ने दक्षिणी तमिलनाडु में सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में वोट मांगे. अब इमिग्रेशन डिपार्टमेंट ने उसे लेटर भेजकर इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है, क्योंकि ये वीजा नियमों का उल्लंघन है.
चेन्नई: दक्षिणी तमिलनाडु (Tamil Nadu) के कोयंबटूर शहर के लोग उस वक्त चौंक गए जब उन्होंने एक विदेशी (Foreigner) को सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) पार्टी का प्रचार करते देखा. ये विदेशी नागरिक शहरी निकाय चुनाव में DMK के लिए वोट मांग रहा है. मूल रूप से रोमानिया निवासी नेगोइता स्टीफन मारियस (Negoita Stefan Marius) बिजनेस ट्रिप पर भारत आए हैं, लेकिन यहां अपनी हरकतों से अब विवादों में घिर गए हैं.
सरकार की योजनाओं से प्रभावित
नेगोइता स्टीफन मारियस (Negoita Stefan Marius) को कोयंबटूर की सड़कों पर DMK के लिए वोट मांगते और पार्टी के पर्चे बांटते देखा गया है. मारियस कथित तौर पर राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं, खासकर महिलाओं के लिए मुफ्त बस सेवा से प्रभावित हैं. इसी वजह से वो सत्तारूढ़ पार्टी के लिए प्रचार कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो भी वायरल (Viral Video) हुए हैं, जिसमें मारियस को बाइक से DMK का प्रचार करते दिखाया गया है.
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आव्रजन विभाग ने मांगा स्पष्टीकरण
दो अलग-अलग क्लिप में, मारियस कथित तौर पर कोयंबटूर में बिना फेस मास्क के घूमते और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन का समर्थन करते हुए नजर आए हैं. हालांकि, अब अपने इस DMK प्रेम के चलते मारियस मुश्किल में भी पड़ गए हैं. आव्रजन अधिकारियों ने चुनाव प्रचार पर मारियस से स्पष्टीकरण मांगा है. इमिग्रेशन विभाग (Immigration Department) ने मारियस को लेटर भेजकर कहा है कि उन्होंने राजनीतिक दल के लिए प्रचार करके भारतीय वीजा नियमों का उल्लंघन किया है.
आज होनी है मारियस की पेशी
लेटर में रोमानियाई नागरिक को अपने मूल दस्तावेजों के साथ आव्रजन विभाग (विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय) के चेन्नई कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने और 18 फरवरी दोपहर तक स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है. पत्र में यह भी कहा गया है कि यदि मारियस ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो उनके खिलाफ विदेशी अधिनियम, 1946 की धारा 14 के तहत मुकदमा चलाया जाएगा. हालांकि, पत्र की प्रामाणिकता को स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं किया जा सका, क्योंकि संबंधित अधिकारी टिप्पणियों के लिए उपलब्ध नहीं थे.