पटना: एक तरफ देश कोरोना (Coronavirus) महामारी का सामना कर रहा है. वहीं कुछ नेता जाति-आधारित जनगणना (Caste Based Census) के मुद्दे को हवा देने में लगे हैं. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) लीडर तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) भी उनमें शुमार हैं. यादव ने इस संबंध में बाकायदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र भी लिखा है. तेजस्‍वी यादव ने जाति-आधारित जनगणना के औचित्‍य को बताते हुए पत्र में कहा है कि उन्‍हें पूरा विश्‍वास है कि पीएम मोदी उनकी मांग मान लेंगे.


Yadav ने Tweet में कही ये बात


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

RJD नेता तेजस्वी यादव ने इस संबंध में ट्वीट करके जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि अगर जातीय जनगणना नहीं कराई गई, तो वंचित उपेक्षित व गरीब जातियों की शैक्षणिक, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक स्थिति का सही आंकलन नहीं हो पाएगा और ना ही उनकी वर्तमान दयनीय स्थिति में परिवर्तन होगा. यादव को विश्वास है कि प्रधानमंत्री उनकी बात सुनेंगे.



ये भी पढ़ें -Independence Day: आतंकी हमले की आशंका के बीच दिल्ली से लेकर कश्मीर तक हाई अलर्ट, Anti Drone System भी तैनात


RJD लीडर ने Bihar का दिया हवाला


अपने पत्र में यादव ने लिखा है, ‘90 साल पहले जातिगत जनगणना साल 1931 में की गई थी. इसलिए अब यह समय और बहुसंख्यक आबादी की मांग है कि बिना देर किए जातिगत जनगणना कराई जाए, ताकि विभिन्न जातियों के मौजूदा आंकड़े सामने आ सकें. RJD ने नेता ने कहा कि जाति आधारित जनगणना कराने के लिए बिहार विधानसभा से दो बार सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हो चुका है. बिहार और केंद्र दोनों ही जगह एनडीए की सरकार है, ऐसे में हमें विश्वास है कि पीएम जातीय जनगणना कराने पर विचार करेंगे.


Congress MLC ने दिया जुदा बयान 


वहीं, कांग्रेस इस मुद्दे पर शायद राष्ट्रीय जनता दल के साथ नहीं है. कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा (Prem Chandra Mishra) ने जाति जनगणना के मुकाबले बाढ़ और कोरोना से बचाव को जरूरी बताया है. मिश्रा का कहना है कि मौजूदा समय में सबसे महत्वपूर्ण है कोरोना जैसे गंभीर मुद्दों पर ध्यान देना. सभी दलों को मिलकर इस पर गौर करना चाहिए. बता दें कि जाति आधारित जनगणना को लेकर बिहार की सियासत गरमाई हुई है. तेजस्वी यादव ने पीएम को पत्र लिखकर एक तरह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दबाव बढ़ा दिया है.