Telangana Education Policy: तेलंगाना की सरकार ने एजुकेशन सेक्टर के लिए बड़ा निर्णय लिया है. सरकार ने अब सेशन 2022-2023 की शुरुआत से क्लास फर्स्ट से दसवीं तक केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई), इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (आईसीएसई), आईबी और अन्य बोर्ड से संबद्ध स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए तेलुगू को दूसरी भाषा के रूप में अनिवार्य कर दिया है. इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग ने हाल ही में सर्कुलर जारी किया है. इसे राज्य सरकार के तेलंगाना (स्कूलों में अनिवार्य रूप से तेलुगू का शिक्षण) अधिनियम 2018 को चरणबद्ध तरीके से 2018-19 से लागू करने के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है. यह अधिनियम बताता है कि किसी भी बोर्ड से संबद्ध स्कूल के लिए तेलुगू कक्षा पहली से दसवीं तक अनिवार्य है.


नियम न मानने वाले स्कूलों पर होगी कार्रवाई


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राज्य सरकार के सर्कुलर के मुताबिक, शैक्षणिक सत्र 2022-23 से अगर कोई भी स्कूल इस आदेश का उल्लंघन करते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. यह नियम लागू हो रहा है कि नहीं इस पर नजर रखने के लिए स्पेशल टीम भी बनाई जाएगी. रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य शिक्षा विभाग ने नए एजुकेशन सेशन के लिए तेलुगू की दो पाठ्यपुस्तकें तैयार की हैं. एक पुस्तक तेलुगू भाषी स्टूडेंट्स के लिए होगी, जबकि दूसरी उनके लिए जिनकी मातृभाषा तेलुगू नहीं है. सरकार का कहना है कि हम दूसरी भाषा का भी ध्यान रख रहे हैं, लेकिन तेलुगू के प्रचार और प्रसार पर भी हमारा फोकस है.


स्कूल खोलने पर असमंजस


वहीं, दूसरी तरफ तेलंगाना के स्कूल खुलने को लेकर भी असमंजस की स्थिति है. चर्चा है कि गर्मी छुट्टी खत्म होने के बाद अब स्कूल खोले जाएंगे. लेकिन कुछ रिपोर्ट में कहा गया है कि तेलंगाना के स्कूल राज्य में सीओवीआईडी ​​मामलों की बढ़ती संख्या से परेशान हैं. इसलिए अभी सभी स्कूल मैनेजमेंट स्कूल खोलने के पक्ष में नहीं हैं.