नई दिल्‍ली : पाकिस्‍तान द्वारा कुलभूषण जाधव की पत्‍नी के जूते उतरवाए जाने और उनमें 'चिप' लगे होने के शक संबंधी पड़ोसी देश के दावे पर गुरुवार को विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज ने लोकसभा में कहा कि 'भगवान का शुक्र है कि उन्होंने (पाकिस्‍तान ने) यह नहीं कहा कि कुलभूषण जाधव की पत्नी के जूते में बम था!'. 


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विदेश मंत्री ने आगे कहा कि 'अगर सुरक्षा कारणों से उनके जूते उतरवा लिए गए थे तो बाद में उन्‍हें बाद में वापस लौटाया जाना चाहिए था, लेकिन पाकिस्‍तान ने ऐसा नहीं किया. इस तरह पाकिस्‍तान ने क्रूरता का परिचय दिया'. उन्‍होंने आगे कहा कि इससे ज्‍यादा असंगत कुछ नहीं हो सकता, क्‍योंकि पाकिस्‍तान की यात्रा के दौरान जाधव की मां और पत्‍नी ने दो फ्लाइटों में सफर किया. अगर उनके जूतों में कुछ संदिग्‍ध होता तो एयरपोर्ट पर चेकिंग के दौरान तो ऐसी चीज पकड़ में आती. इस अतार्किक व्‍यवहार की व्‍याख्‍या नहीं की जा सकती. जाधव की पत्‍नी बार-बार अपने जूते वापस मांगती रहीं, लेकिन उनको वापस नहीं किया गया. उन्‍होंने सदन को यह भी बताया कि उप-उच्चायुक्त की अनुपस्थिति में जाधव और परिवार के बीच मुलाकात शुरू हुई. 


 



 


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कुलभूषण जाधव और उनके परिवार के बीच मुलाकात को लेकर दोनों देशों की तरह से यह सहमति थी कि जाधव के परिवार के पास पाकिस्‍तानी मीडिया को नहीं आने दिया जाएगा, लेकिन पाकिस्‍तानी प्रेस को न सिर्फ उनके परिवार के पास आने दिया गया, बल्कि उन पर ताने कसे गए और परेशान किया गया.


सुषमा स्‍वराज ने संसद के दोनों सदनों के सदस्‍यों को बताया कि 'मुलाकात के दौरान पाकिस्‍तान की ओर से किसी भी प्रकार के मानवीय तकाजे का ख्‍याल नहीं रखा गया. परिवार के मानवाधिकारों का बार-बार उल्‍लंघन किया गया एवं भय का माहौल बनाया गया. कुलभूषण जाधव की मां को मराठी में नहीं बोलने दिया गया. दो पाकिस्‍तानी अधिकारी मीटिंग के दौरान लगातार उनको टोकते रहे. बीच में तो एक वक्‍त इंटरकॉम ही रोक दिया गया'.


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