नयी दिल्ली: देश के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में शामिल जेएनयू के छात्र नेताओं ने सोमवार को कहा कि यह ‘विडंबनापूर्ण’ है कि विश्वविद्यालय को उसकी ‘स्वायत्ता’ के लिए मान्यता दी जा रही है।


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जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा, ‘हम इस विडंबनापूर्ण प्रमाणपत्र के लिए मंत्री के आभारी हैं। यह उन सभी लोगों को संतुष्ट करेगा जो जेएनयू छात्रों द्वारा करदाताओं के पैसे बर्बाद किए जाने को लेकर चिंतित हैं।’ उन्होंने कहा, ‘जब सामाजिक विज्ञान की बात आती है तो जेएनयू हमेशा से सर्वश्रेष्ठ रहा है। गौर करने वाली बात यह भी है कि किन आधार पर विश्वविद्यालयों की रैकिंग की गई है।’ 


जेएनयू और हैदराबाद विश्वविद्यालय ने देश के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों की सूची में स्थान प्राप्त किया है जबकि आईटी-मद्रास एवं आईआईएम-बैंगलोर प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन संस्थानों में शीर्ष पर रहे हैं। जेएनयू छात्र संघ के महासचिव रामा नागा ने कहा, ‘रैकिंग हैरान करने वाली नहीं, बल्कि विडंबनापूर्ण है। सरकार हमारी स्वायत्ता पर निशाना साधती है और बाद में हमें सर्वश्रेष्ठ स्वायत्त संस्थानों में शामिल होने का प्रमाणपत्र देती है।’