पोर्ट ब्लेयर: हिंद महासागर (Indian ocean) में चीन (China) की बढ़ती आक्रामकता का सामना करने के लिए भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने रणनैतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण अंडमान निकोबार (Andaman and Nicobar) में एक खास सैनिक अभ्यास किया है. BULL STRIKE नामक इस अभ्यास में नौसेना की स्पेशल फोर्स MARCOS, भारतीय सेना की पैरा स्पेशल फोर्सेज, घातक प्लाटून और वायुसेना के स्पेशल ऑपरेशन के लिए इस्तेमाल होने वाले एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया गया. 
 
3 से 5 नवंबर तक चला संयुक्त युद्धाभ्यास
अंडमान निकोबार के दूरदराज़ के द्वीप टेरेसा में 3 नवंबर को शुरू हुआ ये अभ्यास 5 नवंबर तक चला. इस दौरान तीनों सेनाओं की स्पेशल फोर्सेज ने असली युद्ध के वातावरण में तीनों सेनाओं के साथ काम करने की अपनी रणनीतियों और लड़ाई के तरीके को परखा. वायुसेना के स्पेशल ऑपरेशन में काम आने वाले C 130 J सुपर हर्क्युलिस एयरक्राफ्ट से पैरा स्पेशल फोर्सेज़ को द्वीप पर फ्री फॉल करते हुए उतरे. नौसेना के स्पेशल फोर्सेज MARCOS और सेना के घातक प्लाटून के दस्तों ने हेलीकॉप्टर के जरिए स्पेशल हेलीबोर्न ऑपरेशन किए. नौसेना के AMPHIBIOUS SHIP से सेना के दस्ते द्वीप पर उतरे और खोज व बचाव का अभ्यास किया. 


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अंडमान निकोबार में भारत की इकलौती थियेटर कमांड है 
अंडमान-निकोबार कमान भारतीय सेनाओं की इकलौती ऐसी कमान है जिसमें सेना, नौसेना और वायुसेना तीनों के सदस्य होते हैं और साझा ऑपरेशन की तैयारी करते हैं. हालांकि अब भारतीय सेनाएं थियेटर कमान की तरफ बढ़ रही हैं,जिसमें तीनों सेनाओं की मिलीजुली कमान बनाई जाएंगी. भारत की तीनों सेनाओं की स्पेशल फोर्सेज़ को मिलाकर खास अभियानों के लिए भी एक साझा कमान बनाई जा रही है. 



एंटी पाइरेसी अभियान के नाम पर चीन की घुसपैठ की कोशिश
अंडमान-निकोबार की अहमियत इसलिए बहुत ज्यादा है क्योंकि ये हिंद महासागर में भारत की सबसे दूर का सैनिक अड्डा है. इसी रास्ते से चीन का ज्यादातर व्यापार होता है और यही चीन की परेशानी की वजह है. चीन हिंद महासागर में लंबे अरसे से अपना दखल बढ़ाने की कोशिश कर रहा है और कई बार चीनी सबमरीन इस इलाक़े में देखी गई हैं. पिछले कुछ सालों से चीन सोमालिया के तट पर एंटी पाइरेसी अभियान की आड़ में अपने जंगी जहाज और सबमरीन हिंद महासागर में भेज रहा है. ऐसे में भारत के लिए अंडमान-निकोबार में अपनी मजबूत सैनिक उपस्थिति बनाए रखना बहुत ज़रूरी है. 


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