नई दिल्ली. सूर्यग्रहण 2018 का नजारा आषाढ़ माह की अमावस्या यानी आज (13 जुलाई) शुक्रवार को दुनियाभर के कई स्थानों पर देखने को मिलेगा. इस ग्रहण का समय सुबह 7:18 मिनट से शुरू होकर 9:43 मिनट तक रहेगा. भारत में इस सूर्यग्रहण का नजारा दिखाई नहीं देगा. ये ऑस्ट्रेलिया, मेलबॉर्न, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रिया के उत्तरी भाग में नजर आएगा. इसके बाद अगला सूर्यग्रहण इसी साल 11 अगस्‍त को देखने को मिलेगा लेकिन उसको भी भारत में नहीं देखा जा सकेगा. उसे चीन, तिब्बत, नार्वे और मंगोलिया में दिखा जा सकेगा.  
 
15 फरवरी को लगा था साल का पहला सूर्यग्रहण
साल 2018 का पहला सूर्यग्रहण 15 फरवरी को लगा था. इस खगोलीय घटना को दक्षिणी गोलार्द्ध के हिस्‍सों में देखा गया था. इसके तहत अंटार्कटिका, अटलांटिक महासागर के दक्षिणी हिस्‍सों और साउथ अमेरिका के दक्षिणी हिस्‍से में भी नजर आया. यह आंशिक सूर्यग्रहण था जो भारत में नहीं दिखाई दिया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यह भी पढ़ें- क्यों लगता है सूर्य ग्रहण, जानिए क्या है इसके पीछे की पौराणिक कथा


सूर्यग्रहण के प्रकार
पूर्ण सूर्यग्रहण- जब पूरी तरह अंधेरा छा जाए तो इसका मतलब है कि चंद्रमा ने सूर्य को पूरी तरह से ढंक लिया है. इस अवस्था को पूर्ण सूर्यग्रहण कहा जाएगा.


आंशिक सूर्यग्रहण- जब चंद्रमा सूरत को पूरी तरह से न ढंक पाए तो ऐसी अवस्था को आंशिक या खंड ग्रहण कहते हैं. आंशिक चंद्रग्रहण हर छह महीने में पड़ता है.


वलयाकार सूर्य ग्रहण- चंद्रमा यदि सूर्य को कुछ इस तरह से ढंक ले कि सूर्य के चारों ओर रोशनी का छल्ला बना हुआ दिखाई दे तो इस अवस्था को वलयाकार सूर्यग्रहण कहते हैं. यह एक दुर्लभ खगोलीय घटना है.


यह भी पढ़ें- 27 जुलाई को लगेगा सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण, 104 साल बाद बन रहा ऐसा संयोग


ग्रहण के दौरान ये न करें -
- सूर्यग्रहण के दौरान किसी नए कार्य की शुरुआत करने से बचना होगा.
- ग्रहण के सूतक के दौरान भोजन बनाना और खाना वर्जित माना जाता है.
 - ग्रहण के दौरान सोना भी नहीं चाहिए.
- ग्रहण को नग्न आखों से न देखें
- चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को खास ध्यान रखने की जरूरत है. क्योंकि ग्रहण के वक्त वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो कि बच्चे और मां दोनों के लिए हानिकारक हैं.