तिरुवनंतपुरम: केरल (Kerala) में अगले महीने की छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार जोरों पर है. इस बीच सूबे की 3 महिला उम्मीदवारों ने सभी का ध्यान आकर्षित किया है जो इस राज्य में राजनीति से परे हटकर विभिन्न कारणों से चुनाव लड़ रही हैं. उनके चुनाव अभियान भले ही अन्य लोगों की तरह जोरदार नहीं हो, लेकिन उन सभी की उम्मीदवारी खुद जनता के बीच बहस और चर्चा का विषय बनी हुई है.


इस वजह से फैसला


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इन तीन महिलाओं की बात करें तो कांग्रेस की पूर्व नेता लतिका सुभाष (Lathika Subhash) , वालयार बहनों की मां और आरएमपी के दिवंगत नेता टी पी चंद्रशेखरन की पत्नी के. के. रेमा (K K Rema) तीन अलग-अलग कारणों से चुनाव लड़ रहीं हैं. चुनाव जीतने से ज्यादा, उनकी प्राथमिकता राजनीतिक दलों में पुरुष वर्चस्व, जानलेवा राजनीति और शोषित बेटियों के लिए त्वरित न्याय के रूप में दिखती है.


'पार्टी में पुरुष वर्चस्व का विरोध' 


दरअसल लतिका सुभाष अपनी पार्टी में पुरुष वर्चस्व और उनके अनुचित व्यवहार का विरोध करने के लिए चुनावी मैदान में उतरी हैं, वहीं के. के. रेमा अपनी उम्मीदवारी के जरिए सत्तारूढ़ माकपा (MCP) की कथित जानलेवा राजनीति के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखना चाहती हैं.


'पति की हत्या के बाद फैसला'


चंद्रशेखरन की मौत के बाद रिवोल्यूशनरी मार्क्‍सवादी पार्टी (RMP) की नेता रेमा का मानना है कि मार्क्‍सवादी पार्टी के कुछ नेता और कार्यकर्ता उनके पति की हत्या में शामिल हैं. लतिका होम टाउन कोट्टायम जिले में एतमुन्नूर सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रही हैं, जबकि रेमा कोझीकोड में वडकारा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ के समर्थन से चुनाव लड़ रही है.


CM के खिलाफ खड़ी हुई एक मां


वालयार लड़कियों की मां अपनी बेटियों के लिए इंसाफ चाहती हैं जो पलक्कड़ जिले में एक झोपड़ी में 2017 में संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी के फंदे से लटकी मिली थी. वो धर्मदाम (Dharmadam) निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहीं हैं. गौरतलब है कि इसी सीट से केरल के सीएम पिनाराई विजयन (Pinarayi Vijayan) भी चुनाव मैदान में है.


जीत का दावा


लतिका ने कहा कि वह अपनी जीत के बारे में पूरी तरह आश्वस्त हैं. 56 साल की लतिका ने कहा कि उन्हें एक महिला होने के कारण टिकट नहीं दिया गया था. वालयार लड़कियों की मां मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव मैदान में है. उनका कहना है कि वाम मोर्चा सरकार द्वारा न्याय देने से कथित तौर पर इनकार किये जाने के खिलाफ वह चुनाव लड़ रही हैं. लड़कियों की मां ने कहा, ‘मेरी प्राथमिकता चुनाव में सफलता या असफलता नहीं है. मेरी बेटियों को न्याय मिलना चाहिए. सभी आरोपियों को सजा मिलनी चाहिए. मुझे उम्मीद है कि समाज मेरी लड़ाई में मेरे साथ खड़ा रहेगा.’


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