Poisonous Alcohol Deaths: बिहार में जहरीली शराब से मौतों पर हाहाकार मचा हुआ है. छपरा में जहरीली शराब पीने से 40 लोगों की मौत हो गई. विपक्षी बीजेपी नीतीश कुमार सरकार पर हमलावर है. लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी विपक्ष पर पलटवार करने से पीछे नहीं हट रहे हैं. बिहार विधानसभा में सीएम नीतीश ने साफ कहा कि शराब से अगर मौत होती है तो इसके लिए मुआवजा नहीं दिया जाएगा. शराबबंदी से स्थिति में सुधार आया है. उन्होंने कहा कि हम सबके हित के लिए काम कर रहे हैं. हम इस बात का प्रचार कर रहे हैं कि पिओगे तो मरोगे. गुजरात में इतने लोग मर गए, एक दिन बात हुई बस. उसके बाद किसी ने चर्चा नहीं की.


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बीजेपी ने किया विरोध-प्रदर्शन


बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया. वे वेल में आ गए और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विरोध में नारेबाजी की. इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, 'शराब से हो रही मौत को लेकर पूछा जा रहा है कि ये कब तक रुकेगी. तो हम तो कहेंगे कि साफ शब्दों में लिखा है शराब के सेवन करने से मौत होगी. सरकार पूरे मामले को लेकर गंभीर है और घटना में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.'


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने CPI विधायक सतेंद्र कुमार की मांग पर कड़ी आपत्ति जताई. सतेंद्र कुमार ने मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की थी. नीतीश कुमार ने कहा, जो लोग देश में राज कर रहे हैं, उनके राज्य में क्या हाल है. वहां भी तो शराबबंदी है. आज हम अलग हो गए तो हल्ला कर रहे हैं. जो पीकर मरेगा उसको एक पैसा हम मुआवजे के तौर पर नहीं देंगे.


सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मौतों का मामला


छपरा में जहरीली शराब पीने से मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. एक वकील ने CJI की बेंच के सामने जल्द सुनवाई की मांग की है. लेकिन CJI ने जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा, अगर मामला इतना अहम था तो आपको मेंशनिंग लिस्ट में शामिल करना चाहिए था. अब शीतकालीन अवकाश के बाद जनवरी में ही सुनवाई संभव हो सकेगी. याचिका में जांच के लिए SIT गठन और पीड़ितों को उचित मुआवजे की मांग की गई है.


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