गलवान संघर्ष के तीन साल, खड़गे बोले, ‘मोदी जी की `क्लीन चिट` की वजह से चीन सफ़ल होता दिख रहा है’
Galwan Clash: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘गलवान घाटी के संघर्ष में शहीद हुए हमारे सभी वीर जवानों को उनके शहादत दिवस पर शत शत नमन. देश की सीमा की रक्षा के लिए उनका सर्वोच्च बलिदान भारत सदैव याद रखेगा.’
Congress News: कांग्रेस ने लद्दाख के गलवान में तीन साल पहले चीनी सैनिकों के साथ झड़प में शहीद हुए भारतीय जवानों को गुरुवार को श्रद्धांजलि दी और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की नाकामियों के चलते वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पूर्व की यथास्थिति अब नहीं है.
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट किया, ‘तीन साल पहले गलवान घाटी में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले 20 वीर जवानों को कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि.’
‘हम 65 में से 26 पेट्रोलिंग पॉइंट पर अपना अधिकार खो चुके हैं’
खड़ने ने दावा किया, ‘मोदी सरकार की नाकामियों के चलते एलएसी पर इन तीन वर्षों में पूर्व की यथास्थिति अब नहीं है. हम 65 में से 26 पेट्रोलिंग पॉइंट पर अपना अधिकार खो चुके हैं. हमने संसद में यह मुद्दा कई बार उठाने की कोशिश की, पर मोदी सरकार देशवासियों को अंधेरे में रखना चाहती है.’
खड़गे ने आरोप लगाया, ‘गलवान पर मोदी जी की 'क्लीन चिट' की वजह से चीन अपने नापाक़ इरादों में सफ़ल होता दिख रहा है. यह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और देश की अखंडता पर गहरा आघात है.’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कटाक्ष किया, ‘मोदी सरकार की ‘लाल आंख’ धुंधली पड़ गई है, जिस पर उसने चीनी चश्मा पहन रखा है !’ उन्होंने कहा, ‘विपक्ष में हमारा काम है, देश को चीनी विस्तारवादी नीति के ख़िलाफ़ एकजुट रखना और मोदी सरकार के चीनी चश्मे उतार फेंकना !’
राहुल-प्रियंका ने दी शहीद जवानों को श्रद्धांजलि
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘गलवान घाटी के संघर्ष में शहीद हुए हमारे सभी वीर जवानों को उनके शहादत दिवस पर शत शत नमन. देश की सीमा की रक्षा के लिए उनका सर्वोच्च बलिदान भारत सदैव याद रखेगा.’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा, ‘देश की रक्षा करते हुए गलवान घाटी में शहीद हुए सभी वीर जवानों को नमन. हम वीर जवानों की शहादत कभी नहीं भूलेंगे और इस सर्वोच्च बलिदान के लिए हमेशा उनके ऋणी रहेंगे.’
गलवान घाटी में 15 जून, 2020 को दोनों सेनाओं के बीच हुआ संघर्ष पिछले पांच दशक में एलएसी पर इस तरह का पहला संघर्ष था और इससे द्विपक्षीय संबंधों में तनाव आ गया. इस संघर्ष में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे. संघर्ष में चीन के कई सैनिकों के मारे जाने की जानकारी सामने आई थी.
(इनपुट – न्यूज एजेंसी भाषा)