Toolkit Case: सच का सामना करने से डरी दिशा रवि, खबरों पर रोक के लिए पहुंची कोर्ट
Toolkit Case: दिशा रवि (Disha Ravi) ने दलील दी है कि मौजूदा परिस्थितियों में इस बात की ‘काफी आशंका’ है कि आम जनता इन खबरों से याचिकाकर्ता को दोषी मान ले, इसलिए जांच से जुड़ी जानकारी लीक नहीं होनी चाहिए.
नई दिल्ली: किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी ‘टूलकिट’ (Toolkit) शेयर करने के मामले में गिरफ्तार की गई दिशा रवि मीडिया रिपोर्टिंग से घबरा गई है. देश के खिलाफ रची गई साजिश लोगों के सामने आ गई है अब दिशा रवि को सख्त कार्रवाई का डर सताने लगा है. डरी हुई दिशा रवि ने अब अदालत का दरवाजा खटखटाया है. दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की है कि पुलिस को उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर से जुड़ी जांच की कोई भी जानकारी मीडिया में लीक करने से रोका जाए.
क्या कहा है याचिका में
जस्टिस प्रतिभा एम सिंह के सामने सुनवाई के लिए लिस्ट की कई याचिका में दिशा रवि (Disha Ravi) ने उनके और ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) के बीच व्हाट्सऐप पर मौजूद प्राइवेट चैट को पब्लिश करने या प्रसारित करने से रोकने का भी अनुरोध किया गया है. रवि ने अपनी याचिका में कहा है कि वह ‘वह पूर्वाग्रह से ग्रसित उनकी गिरफ्तारी और मीडिया ट्रायल से काफी दुखी हैं, जहां उन पर प्रतिवादी 1 (पुलिस) और कई मीडिया घरानों द्वारा स्पष्ट रूप से हमला किया जा रहा है.’ उन्होंने यह भी दावा किया कि दिल्ली पुलिस की साइबर सेल द्वारा 13 फरवरी को बेंगलुरु से उनको गिरफ्तार किया जाना भी ‘पूरी तरह से गैरकानूनी और निराधार था.’
जनता का डर
दिशा रवि (Disha Ravi) ने दलील दी है कि मौजूदा परिस्थितियों में इस बात की ‘काफी आशंका’ है कि आम जनता इन खबरों से याचिकाकर्ता को दोषी मान ले. याचिका में आरोप लगया गया है कि उनकी प्राइवेसी, प्रतिष्ठा और निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार से रोकने की कोशिश की जा रही है. जांच संबंधी बातें मीडिया में लीक की जा रही हैं और पुलिस द्वारा किए जा रही प्रेस कॉन्फ्रेंस ‘पूर्वाग्रह से ग्रसित’ और ‘उनके निष्पक्ष सुनवाई और उनके निर्दोष होने की संभावना के अधिकार का उल्लंघन करता है.’
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क्या है मामला
बता दें, जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा शेयर किए गए किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) का समर्थन करने वाले ‘टूलकिट गूगल दस्तावेज’ की जांच कर रही दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने बेंगलुरु की कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार किया है, जबकि मुंबई की वकील जैकब और पुणे के इंजीनियर शांतनु मुलुक को अदालत ने अग्रिम जमानत दे दी है.
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