नई दिल्ली: कोरोना महामारी का असर खत्म होता देख घरों में बंद लोग अब लगातार सैर-सपाटे के लिए निकल रहे हैं. मैदानी इलाके में पड़ने वाली गर्मी से राहत पाने के लिए ज्यादातर लोगों ने पहाड़ी इलाकों का रुख किया है. लेकिन इस दौरान जमकर लापरवाही भी देखने को मिल रही है जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा फिर बढ़ने की आशंका है.


भीड़ के साथ बढ़ी लापरवाही


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शहरों के अनलॉक होने के साथ बाजारों और पर्यटन स्थलों पर भीड़ बढ़ने लगी है. इस भीड़ के साथ लोगों की लापरवाही में भी इजाफा हो रहा है. मनाही और शिमला जैसे शहरों में पर्यटकों का हुजूम देखने को मिल रहा है और वहां कोविड प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ रही हैं.


छुट्टियां मनाने और गर्मी से बचने के लिए भारी तादाद में पर्यटकों का ऐसे इलाकों में पहुंचना जारी है. लेकिन लोगों की भीड़ और लापरवाही घातक साबित हो सकती है. कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट का खतरा अभी टला नहीं है. तीसरी लहर का खतरा भी टला नहीं है. हालांकि कोरोना की दूसरी लहर कमोजर जरूर पड़ी है लेकिन इस तरह की भीड़ खतरनाक साबित हो सकती है.


सोशल डिस्टेंसिंग भूले लोग


देश के बाकी हिस्सों की तरह राजस्थान के डूंगरपुर जिले में कोरोना की दूसरी लहर का असर कम हो गया है. लेकिन यहां भी लोग लापरवाह होते जा रहे हैं. यहां के सागवाड़ा राजकीय अस्पताल में बने वैक्सीनेशन सेंटर पर लोग कोविड प्रोटोकोल को भूल गए और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जिया उड़ाते हुए नजर आये.


सागवाड़ा अस्पताल प्रशासन की लापरवाही भी सामने आई. अस्पताल प्रशासन की ओर से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित करने के लिए कोई इंतजाम नहीं किये गए हैं. इसी तरह का हाल बाकी पर्यटन स्थलों का भी है, जहां लोगों की भीड़ अचानक बढ़ गई है.


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ओयो के वाइस प्रेसिडेंट और मुख्य विकास अधिकारी यतीश जैन ने कहा कि जयपुर, विशाखापत्तनम और आगरा जैसे स्थानों पर भी पर्यटक बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘मुख्य शहरों से कुछ दूरी पर स्थित हिल स्टेशन जैसे कि मनाली, लोनावाला, नैनीताल, शिमला, मैसूर के लिए लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है.’