नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी (LAC) पर पिछले एक साल से भी अधिक समय से चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मुद्दे पर 13वें राउंड की मीटिंग के बाद भारतीय सेना (Indian Army) ने जो बयान जारी किया है उससे लगता है कि भारत को चीन पर बिलकुल भी भरोसा नहीं है. एक ओर सेना चीनी फौज को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है. वहीं ड्रैगन को सबक सिखाने के लिए भारत सरकार (Government Of India) ने नया फैसला लिया है.  


टेस्ला को दो टूक


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दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार (Electric Car) बनाने वाली कंपनी टेस्ला (Tesla) को भारत सरकार ने दो टूक कह दिया है कि चीन में बनी इलेक्ट्रिक कारों (Made in China Cars) को भारत में न बेचें. यानी फिलहाल टेस्ला का भारत में 'मेड इन चाइना' कार बेचने की प्लानिंग पर पानी फिर गया है. 


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सहयोग देने का भरोसा


केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि सरकार ने टेस्ला को सलाह दी है कि वो भारत में ही कार बनाकर बेचे और निर्यात भी करे. कंपनी ने भी संकेत दिया है कि वह जल्द ही भारत में प्लांट शुरू करेगी और फिर यहीं पर इलेक्ट्रिक कारों का प्रोडक्शन होगा.



(फाइल फोटो)


दरअसल दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला ने अमेरिका से बाहर सबसे पहला प्लांट चीन में लगाया है. कंपनी चीन से ही यूरोप और दूसरे देशों में टेस्ला ई-कारों को एक्सपोर्ट करती है. ये बात भारत पसंद नहीं है. गडकरी ने टेस्ला से कहा है कि वो भारत में प्लांट स्थापित करे और यहीं से ई-कारें दूसरे देशों को निर्यात करे. ऐसे में टेस्ला की इलेक्ट्रिक कारों का उत्पादन जल्द ही भारत में शुरू होने की उम्मीद की जा रही है. इसके संकेत भी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दिए हैं. उन्होंने कहा है कि भारतीय बाजार में एंट्री के लिए टेस्ला और सरकार के बीच लगातार बातचीत चल रही है. 


(इनपुट - पीटीआई से)


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