Credit card use: विदेश यात्रा करने वालों के लिए अब क्रेडिट कार्ड से भुगतान करना महंगा पड़ेगा. क्रेडिट कार्ड से भुगतान को भारतीय रिजर्व बैंक के उदारीकृत प्रेषण योजना (LRS) के दायरे में लाया जाएगा. इसका मकसद ये सुनिश्चित करना है कि ये खर्चे स्रोत पर कर संग्रह (TCS) के दायरे में आएं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को वित्त विधेयक 2023 सदन के विचारार्थ और पारित करने के लिए पेश करते हुए कहा कि आरबीआई को विदेशी दौरे पर क्रेडिट कार्ड से भुगतान को एलआरएस के अंतर्गत लाने के लिए तरीके खोजने के लिए कहा गया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

उन्होंने कहा कि विदेशी दौरों पर क्रेडिट कार्ड से भुगतान एलआरएस के अंतर्गत नहीं आता है और ऐसे भुगतान टीसीएस से बच जाते हैं. वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में उदारीकृत प्रेषण योजना के तहत 1 जुलाई 2023 से शिक्षा और चिकित्सा को छोड़कर भारत से किसी अन्य देश को पैसा भेजने पर 20% टीसीएस का प्रस्ताव किया गया है. इस प्रस्ताव से पहले भारत से बाहर सात लाख रुपये से ज्यादा भेजने पर 5% टीसीएस लगता है.
टीसीएस एक ऐसा तंत्र है जहां विशिष्ट वस्तुओं को बेचने वाला व्यक्ति एक निर्धारित दर पर खरीददार से कर जुटाकर उसे सरकार के पास जमा करने के लिए उत्तरदायी है. देश में 2004 में लगाए गए एलआरएस के तहत शुरुआत में 25000 डॉलर भेजने की अनुमति थी. एलआरएस सीमा को आर्थिक परिस्थितियों के अनुरूप विभिन्न चरणों में संशोधित किया गया है.


विदेश दौरे पर जाने वाले अधिकतर लोग क्रेडिट कार्ड से भुगतान करना पसंद करते हैं या फिर कोई इमरजेंसी आ जाती है तो उस दौरान भी लोग क्रेडिट कार्ड की सेवा लेना चाहते हैं. पहले इसमें कर नहीं लगता था, लेकिन अब इससे बचा नहीं जा सकता है. जल्द ही क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने पर कर लिया जाएगा. इसको लेकर भारतीय रिजर्व बैंक ने भी अपनी तैयारी करना शुरू कर दिया है.


हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.comसबसे पहलेसबसे आगे