नई दिल्ली: हाथरस गैंगरेप हत्या मामले (Hathras Gangrape Murder Case) में पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के सांसदों को यूपी पुलिस (UP Police) ने वापस लौटा दिया. इन सांसदों ने दिल्ली से 200 किमी का सफर तय कर लिया था, लेकिन गांव पहुंचने से ऐन पहले उन्हें रोककर वापस लौटा दिया गया.


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परिवार से मुलाकात करने से रोका: टीएमसी
तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन, डॉ काकोली घोष, प्रतिमा मंडल और ममता ठाकुर (पूर्व सांसद) अलग-अलग गए थे. हाथरस (Hathras) गए एक सांसद ने कहा, 'हम शांतिपूर्वक हाथरस गए थे. हम पीड़ित परिवार से मिलकर उन्हें सांत्वना देना चाहते थे. हम हथियारों से लैस तो नहीं थे, जो हमें रोका गया. हम अलग-अलग गए थे और सभी प्रोटोकॉल का पालन कर रहे थे, फिर रोकने का कोई मतलब नहीं बनता'


किस तरह का जंगलराज है?
सांसद ने कहा कि यूपी में जंगलराज चल रहा है. चुने हुए प्रतिनिधियों को रोका जा रहा है. हमनें पुलिस अधिकारियों से कहा कि हम सिर्फ मुलाकात करने जा रहे हैं, इसके बावजूद सिर्फ 1.5 किलोमीटर पहले से हमें लौटा देना उनकी मानसिकता को दर्शाता है.


गैंगरेप पीड़िता की 15 दिन बाद हो गई थी मौत
हाथरस जिले के एक गांव में रहने वाली 19 वर्षीय दलित लड़की से गैंगरेप के बाद रीढ़ और गले की हड्डी तोड़ दी गई. साथ ही उसकी जीभ काट ली गई. परिवार वालों ने उसे पहले अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. हालत में सुधार न होने पर उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल  रैफर किया गया. जहां मंगलवार तड़के उसकी मौत हो गई. 


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