नई दिल्ली/वाशिंगटन. दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रिक देशों के नेता आतंकवाद से जुड़े मुद्दों और एच1बी वीजा नियमों में संभावित बदलावों से जुड़ी भारत की चिंताओं जैसे द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा के लिए 26 जून को बैठक करेंगे. व्हाइट हाउस ने कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड टंप अपनी पहली बैठक में भारत और अमेरिका के बीच की साझेदारी को एक महत्वाकांक्षी ढंग से विस्तार देने के लिए एक दृष्टिकोण पेश करेंगे. बता दें दोनों देशों की कुल जनसंख्या लगभग 1.6 अरब है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

व्हाइट हाउस को भारत-अमेरिकी रिश्तों में नया अध्याय जुड़ने की उम्मीद


व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने कहा, 'आप उम्मीद कर सकते हैं कि वे दोनों एक ऐसा दृष्टिकोण पेश करेंगे, जो भारत और अमेरिका की साझेदारी को एक महत्वाकांक्षी और योग्य तरीके से विस्तार देगा. स्पाइसर ने कहा कि दोनों नेता भारत और अमेरिका की साझेदारी के विस्तार पर एक साझा नजरिया पेश कर सकते हैं. 


उन्होंने आतंकवाद से लड़ाई, आथर्कि वृद्धि को दिए जाने वाले बल, सुधारों और सुरक्षा सहयोग को दिए जाने वाले विस्तार को हिंद-प्रशांत क्षेत्र की साझा प्राथमिकताएं बताया. हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दक्षिण चीन सागर भी आता है, जहां चीन का विभिन्न द्वीपों को लेकर अपने छोटे पड़ोसियों के साथ विवाद चल रहा है.


स्पाइसर ने कहा, राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका और भारत की ऐसी साझेदारी के लिए एक साझा नजरिया तैयार करने पर काम करेंगे, जो 1.6 अरब नागरिकों के लिए अच्छा हो.


ट्रंप ने दिया मोदी को अमेरिका आने का निमंत्रण


मोदी ने जब जनवरी में ट्रंप को राष्ट्रपति बनने पर बधाई देने के लिए फोन किया था, तब ट्रंप ने मोदी को वॉशिंगटन आने का निमंत्रण दिया था.


स्पाइसर ने एक सवाल के जवाब में कहा, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री फोन पर कई बार सकारात्मक बातचीत कर चुके हैं और अब इस चर्चा के आगे बढ़ने की उम्मीद की जाती है. इस चर्चा में आथर्कि वृद्धि, सुधारों, आतंकवाद से लड़ाई, रक्षा सहयोगियों के तौर पर हमारे सहयोग को विस्तार देने के मुद्दों को शामिल किया जा सकता है.


भारत-अमेरिका रिश्तों को नई दिशा देगी मोदी-ट्रंप बैठक


दिल्ली में सोमवार (12 जून) को विदेश मंत्रालय ने कहा कि मोदी और ट्रंप की चर्चाएं प्रगाढ़ द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक नई दिशा उपलब्ध करवाएंगी. मंत्रालय ने कहा, पीएम 26 जून को राष्ट्रपति ट्रंप के साथ आधिकारिक वार्ताएं करेंगे. दोनों नेताओं की चर्चाएं भारत और अमेरिका के बीच बहुआयामी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करेंगी और आपसी हितों के मुद्दे पर द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने के लिए एक नई दिशा उपलब्ध कराएंगी. 


मोदी की अमेरिका यात्रा ऐसे समय पर हो रही है, जब ट्रंप ने 190 देशों द्वारा हस्ताक्षरित ऐतिहासिक पेरिस जलवायु समझौते से पीछे हटने की घोषणा कर दी है. ट्रंप ने अमेरिका द्वारा अपना नाम वापस लेने के लिए भारत और चीन को जिम्मेदार ठहराया. ट्रंप के दावे को सख्ती से खारिज करते हुए भारत ने कहा कि उसने पेरिस समझौते पर दबाव या धन के लालच के चलते हस्ताक्षर नहीं किए, उसने तो पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के चलते हस्ताक्षर किए.


इस महीने अपनी फ्रांस यात्रा के दौरान मोदी ने यहां तक कहा था कि भावी पीढ़ियों के लिए जलवायु के संरक्षण के लिए भारत पेरिस समझौते से उपर और परे जाकर भी काम करेगा. उद्योग और व्यापार क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के अलावा मोदी और ट्रंप रक्षा संबंधों पर भी चर्चा कर सकते हैं.