ओडिशा में मचा हाहाकार, आम की गुठली का दलिया खाने से 2 महिलाओं की मौत, 6 अस्पताल में भर्ती
Death in Odisha: गदापुर की सरपंच कुमारी मलिक ने बताया, `आम की गुठली का दलिया पीने से गुरुवार को गजपति जिले के मोहाना कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में दो में से एक महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई.`
Mango Kernel Gruel: आम की गुठली का दलिया खाने से ओडिशा में दो महिला की मौत हो गई और 6 लोग बीमार पड़ गए. मामला कंधमाल जिले का है. अधिकारी ने बताया कि आम की गुठली का दलिया खाने से यह हादसा हुआ है. यह चीज दूध या पानी में जई उबालकर बनाई जाती है. दो महिलाओं की मौत और 6 लोगों के बीमार होने की सूचना दरिंगबाड़ी ब्लॉक के तहत आने वाले मंडीपांका गांव से मिली है. घटना के बाद इलाके में लोग दहशत में आ गए हैं.
दो महिलाओं ने तोड़ा दम
गदापुर की सरपंच कुमारी मलिक ने बताया, 'आम की गुठली का दलिया पीने से गुरुवार को गजपति जिले के मोहाना कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में दो में से एक महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई.'
जबकि अन्य महिला की बीमार होने के बाद एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार सुबह को मौत हो गई. अस्पताल के मेडिकल अफसर डॉ. सु्ब्रत दास ने कहा, '6 अन्य लोग आम की गुठली का दलिया पीने के बाद बीमार पड़ गए और उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत गंभीर है.'
'जांच पूरी होने पर पता चलेगी वजह'
उन्होंने बताया, 'सभी 6 लोगों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हमें संदेह है कि ये सभी फूड पॉइजनिंग के कारण बीमार पड़े. फिलहाल यह कहा नहीं जा सकता कि बीमार होने का असली कारण क्या है. यह जांच पूरी होने पर ही पता चलेगा.'
मृतकों में से दो की पहचान रुनी माझी (30) और रनिता पटामाझी (28) के रूप में हुई है. रुनी को पहले गुरुवार को ब्राम्हणीगांव अस्पताल में भर्ती कराया गया था और डॉक्टरों ने उसे बरहामपुर के एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में रेफर कर दिया था, लेकिन उसे ट्रांसफर किए जाने से पहले ही उसकी मौत हो गई.
मोहोना के पास रास्ते में ही रनिता ने दम तोड़ दिया. बाकी मरीजों का इलाज एमकेसीजी एमसीएच में चल रहा है. सूत्रों के अनुसार, गांव के कई लोगों, जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं, ने बुधवार को आम की गुठली से बना दलिया खाया था.
दोनों महिलाओं की मौत और अन्य की हालत बिगड़ने का सही कारण अभी पता नहीं चल पाया है. आम की गुठली खाने के बाद फूड पॉइजनिंग की आशंका है, जो 2000 के दशक की शुरुआत में रायगढ़ जिले में भूख से हुई मौतों की याद दिलाती है.