MPs Suspended from Parliament: संसद से सदस्यों का निलंबन जारी है. इसी कड़ी में दो और सदस्यों को सस्पेंड कर दिया गया है. ये दोनों सांसद सी थॉमस और एमए आरिफ हैं. यह सब तब हुआ जब दोनों सांसद तख्तियां लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. बताया गया है कि संसद के शीतकालीन सत्र के लिए दोनों सस्पेंड कर दिया गया है. इन दोनों सांसदों के निलंबन के बाद अब तक सस्पेंड हुए सांसदों की संख्या 143 हो गई है. इसी बीच गृहमंत्री अमित शाह लोकसभा में अपना संबोधन दे रहे हैं और चर्चा में लाए गए बिलों पर बहस कर रहे हैं. उम्मीद है कि अपने संबोधन में वे संसद सुरक्षा पर बयान देंगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

लोकसभा सचिवालय सर्कुलर
असल में निलंबित हुए सांसदों का आरोप है कि वे संसद में सुरक्षा चूक पर पीएम या गृह मंत्री के बयान की मांग कर रहे हैं. उनका आरोप है कि दोनों शीर्ष नेता इस मसले पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं. वे इस मामले में बयान देने के बजाय विपक्षी सांसदों को सस्पेंड करने में लगे हैं. निलंबन को लेकर लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी किए गए सर्कुलर में बताया गया है कि निलंबन के बाद सांसदों को निलंबन की अवधि के दौरान कई चीजों का सामना करना पड़ेगा. जिनमें निलंबित सांसद संसद चैंबर्स, लॉबी और गैलरी में नहीं आ सकते. यदि निलंबित सांसद किसी संसदीय कमेटी का हिस्सा हैं तो उन्हें इससे भी निलंबित ही माना जाएगा. 


इसके अलावा निलंबित सदस्यों के नाम पर संसद में किसी भी तरह का काम नहीं होगा. स्पीकर को उनके द्वारा दिए गए नोटिस भी अस्वीकार कर दिए जाएंगे. इन सबके बीच निलंबित सांसदों के साथ संसद परिसर में प्रदर्शन पर बैठे टीएमसी के सांसद कल्याण बनर्जी ने मंगलवार को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की नकल उतारकर उनका मजाक उड़ाया था. इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी उनका वीडियो बना रहे थे. इसको लेकर काफी बवाल मच गया.


उधर संसद सुरक्षा चूक की घटना पर विपक्ष केंद्रीय मंत्री अमित शाह के बयान की मांग पर अड़ी हुई है. लोकसभा सत्र के दौरान विपक्ष ने बार-बार केंद्रीय मंत्री के बयान की बात कही और जमकर लोकसभा में हंगामा मचाया. विपक्ष के इसी हंगामे के बाद लोकसभा से कई सांसदों को निलंबित किया गया है. मालूम हो कि संसद का शीतकालीन सत्र 4 दिसंबर से शुरू हुआ और 22 दिसंबर तक चलना है. इस सत्र के 19 दिनों में 15 बैठकें होना प्रस्तावित थीं. इसी बीच 13 दिसंबर को संसद पर हमले की 22वीं बरसी पर संसद में सुरक्षा की चूक का मामला सामने आ गया.