Udit Raj on Himanta Biswa Sarma Shudra Comment: नए साल के पहले ही दिन शूद्र पर विवाद हो गया है. कांग्रेस लीडर उदित राज ने कहना है कि असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा जैसे लोग दलितों और पिछड़ों के अधिकारों का हनन करते हैं. उन्होंने इन वंचित तबके के लोगों के रोजगार खत्म कर दिए हैं और साथ ही उन्हें प्रशासन से भी बाहर कर दिया है. यही मनुवाद है, जो चारों ओर फैला हुआ है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

'पोस्ट डिलीट कर भाग खड़े हुए'


अपने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करके उदित राज ने लिखा, 'हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि शूद्रों का काम ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्यों की सेवा करना है. जब हमने पूछा कि यह कहने के पीछे उनका मकसद क्या है तो उन्होंने अपना पोस्ट डिलीट किया और भाग खड़े हुए.'


'दलितों के सारे रोजगार खत्म कर दिए'


कांग्रेस लीडर ने आगे लिखा, 'ऐसे लोग हर जगह दलितों पिछड़े वर्गों के अधिकारों का विरोध करते हैं. उन्होंने उनके सारे रोजगार खत्म कर दिए हैं और एडमिनिस्ट्रेशन से भी उन्हें बाहर कर दिया है. यही वह मनुवाद है, जिसका हम सब रोज सामना करते हैं.' 


अक्सर सनातन धर्म और उसकी परंपराओं पर उंगली उठाने वाले उदित राज ने अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर भी अपनी नाराजगी जताई. मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, मतलब पाँच सौ वर्ष बाद मनुवाद की वापसी हो रही है. 



'500 वर्ष बाद मनुवाद की वापसी'


पीएम मोदी के निषाद के घर जाने पर भी उदित राज कमेंट करने से नहीं चूके. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी भगवान राम नहीं है कि वे किसी निषाद के घर जाएं. वे एक संवैधानिक पद हैं और उनके लिए देश के सभी लोग समान होने चाहिए. अगर वे किसी सरकारी योजना के लाभार्थी के घर जाते हैं तो इसे उसी रूप में कहा जाना चाहिए. 



बीजेपी ने किया पलटवार


कांग्रेस नेता के इन तंज भरे बयानों पर बीजेपी ने भी पलटवार किया है. केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने सीधी प्रतिक्रिया न देते हुए संकेतों में सारी बात कह दी. उन्होंने कहा, 'उदित राज के बयान पर मैं यही पंक्ति दोहराउंगी कि बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरो पवन कुमार बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरऊ कलेश विकार. तो सबके मन के कलेश और विकार ईश्वर दूर करें, यही मेरी प्रार्थना है.'