Ugram Rifle DRDO: भारत के दुश्मनों का नया काल मैदान में आ चुका है. उसका नाम है- 'उग्रम', यह एक स्‍टेट-ऑफ-द-आर्ट असॉल्‍ट राइफल है. इसे तैयार किया है डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने. प्राइवेट इंडस्ट्री पार्टनर के साथ मिलकर DRDO ने इसे पूरी तरह देश में ही डिजाइन, डेवलप और मैन्युफैक्चर किया है. 7.62 x 51 mm कैलिबर वाली यह असॉल्‍ट राइफल सशस्‍त्र बलों, पैरामिलिट्री और पुलिस की ऑपरेशनल जरूरतों के हिसाब से डिजाइन की गई है. मिसाइल का पहले प्रोटोटाइप का नाम 'उग्रम' रखा गया है, नाम से ही आक्रामकता झलकती है. 'उग्रम' को DRDO की पुणे स्थित आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट (ARDE) ने हैदराबाद की द्वीप आर्मर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर बनाया है.


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'उग्रम' राइफल की तुलना लेटेस्‍ट AK और AR टाइप राइफलों से हो सकती है. इसका डिजाइन रिवेट-फ्री है जो इसे और मजबूत बनाता है.


DRDO की 'उग्रम' असॉल्‍ट राइफल क्‍यों है खास


  • 'उग्रम' राइफल की प्रभावी रेंज 500 मीटर है.

  • इसका वजन चार किलोग्राम से कम है.

  • इस राइफल में 20 राउंड की मैगजीन लगती है.

  • 'उग्रम' से सिंगल और फुल ऑटो, दोनों मोड में फायर किया जा सकता है.


रक्षा अधिग्रहण समिति ने पिछले महीने इतने ही कैलिबर वाली अमेरिकी राइफलों की खरीद को मंजूरी दी है. 800 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से 70,000 SIG सॉवर राइफलें खरीदी जाएंगी. 2020 में ऐसी 72,000 से ज्यादा राइफलें पहले ही खरीदी जा चुकी हैं. DRDO की 'उग्रम' राइफल को अभी कई इंटरनल टेस्ट और ट्रायल से गुजरना होगा. उसके बाद ही इसे सेना में शामिल करने पर विचार किया जाएगा.