नई दिल्‍ली : बुधवार को साल 2018 का पहला चंद्रग्रहण आज(31 जनवरी) को लगेगा. पूर्ण चंद्रग्रहण को भारत के हर हिस्से में देखा जा सकता है. चंद्रग्रहण शाम 5 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा और मुख्य चन्द्रग्रहण सूर्यास्त के बाद लगभग छह बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा. यह चंद्रग्रहण शाम सात बजकर 37 मिनट तक चलेगा. एक घंटे के बाद लगभग शाम सात बजकर 25 मिनट पर ग्रहण फीका पड़ेगा लगेगा और ग्रहण का मुख्य भाग समाप्त हो जाएगा. इससे पहले तीन दिसंबर 2017 और एक जनवरी 2018 को काफी नजदीक से यह दिखा था.


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किसे कहते हैं चंद्र ग्रहण?
चंद्रग्रहण के दौरान पृथ्वी, सूर्य और चन्द्रमा के बीच में आ जाती है और पृथ्वी की छाया चांद पर पड़ती है.  चंद्र ग्रहण तब होता है जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी इस प्रकार आ जाती है कि पृथ्वी की छाया से चंद्रमा का पूरा या आंशिक भाग ढक जाता है. इस स्थिति में पृथ्वी सूर्य की किरणों के चंद्रमा तक पहुंचने में रोक लगा देती है. इसके बाद पृथ्वी के उस हिस्से में चंद्र ग्रहण नजर आता है.


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जानिए, कब कहां दिखेगा चंद्रग्रहण
एमपी बिरला तारामंडल के निदेशक (शोध एवं अकादमिकी) देवीप्रसाद द्वारी ने बताया कि चंद्रमा के उदय के बाद देश के उत्तर-पूर्वी एवं पूर्वी हिस्से चंद्र ग्रहण का अनुभव कर पाएंगे और कोलकाता में चांद शाम करीब पांच बजकर 17 मिनट पर उदय होगा, जबकि ग्रहण पांच बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा. द्वारी ने कहा कि चंद्र ग्रहण भारत में एक घंटा 16 मिनट रहेगा. अमेरिका के ज्यादातर हिस्सों, उत्तर-पूर्वी यूरोप, रूस, एशिया और ऑस्ट्रेलिया में भी चंद्र ग्रहण नजर आएगा. द्वारी ने कहा कि भारत में अगला चंद्र ग्रहण 27 जुलाई 2018 को नजर आएगा.



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आखिर क्या है सूपरमून?
दरअसल, सुपरमून एक आकाशीय घटना है, जिसमें चांद अपनी कक्षा में धरती के सबसे नजदीक होता है और पूर्ण चांद को साफ तौर पर देखा जा सकता है. 31 जनवरी को होने वाली पूर्णिमा की तीन खासियत है. पहली यह कि यह सुपरमून की एक श्रृंखला में तीसरा अवसर है, जब चांद धरती के निकटतम दूरी पर होगा. दूसरी यह कि इस दिन चांद सामान्य से 14 फीसदा ज्यादा चमकीला दिखेगा. तीसरी बात यह कि एक ही महीने में दो बार पूर्णिमा होगी, ऐसी घटना आमतौर पर ढाई साल बाद होती है. बीएम बिड़ला विज्ञान केन्द्र के निदेशक बीजी सिद्धार्थ ने कहा कि बुधवार को पड़ने वाला पूर्ण चंद्र ग्रहण भारत से दिखाई देगा, जिसमें चंद्रमा लाल भूरा रंग लेगा जिसे 'ब्लड मून' भी कहा जाता है. केन्द्र की एक विज्ञप्ति के अनुसार इस घटना को ब्लू मून और सुपर मून का भी नाम दिया गया है. 


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कैसे लगता है चंद्रग्रहण...
इस अद्भुत घटना को विस्तृत रूप से बताते हुए सिद्धार्थ ने कहा कि चंद्रग्रहण के दौरान पृथ्वी, सूर्य और चन्द्रमा के बीच में आ जाती है और पृथ्वी की छाया चांद पर पड़ती है. सिद्धार्थ ने कहा, 'यदि तीनों लगभग एक ही रेखा पर आते है तो पूर्ण चंद्रग्रहण है. यहां तक कि पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान सूर्य की कुछ किरणें पृथ्वी के वायुमंडल के माध्यम से अपवर्तित होती है और चंद्रमा हल्की भूरी लाल चमक ले लेता है और यही 31 जनवरी को घटित होगा. कुछ लोग इसे 'ब्लड मून' भी कहते हैं.