न्यूयॉर्क: कोरोना वायरस (Coronavirus) वैश्विक महामारी महिलाओं को बहुत ज्यादा प्रभावित करेगी. साल 2021 तक 4.7 करोड़ महिलाओं और लड़कियों को कोरोना संकट अत्यधिक गरीबी की तरफ धकेल देगा. संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी नए डेटा में ये कहा गया है. रिपोर्ट के मुताबिक इस जनसंख्या को गरीबी रेखा से ऊपर लाने के लिए दशकों में हुई प्रगति फिर पीछे की ओर चली जाएगी.


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संयुक्त राष्ट्र महिला एवं संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) के इस नए आकलन में कहा गया कि कोविड-19 संकट महिलाओं के लिए गरीबी दर को बढ़ा देगा और गरीबी में रहने वाली महिलाओं और पुरुषों के बीच का अंतर बढ़ जाएगा.


महिलाओं के लिए गरीबी दर 2019 से 2021 के बीच 2.7 प्रतिशत तक घटने की उम्मीद थी लेकिन वैश्विक महामारी और उसके दुष्परिणामों के कारण अब इसके 9.1 प्रतिशत तक बढ़ने की आशंका है.


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संयुक्त राष्ट्र ने कहा, 'वैश्विक महामारी 2021 तक 9.6 करोड़ लोगों को अत्यंत गरीबी की ओर धकेल देगी, जिनमें से 4.7 करोड़ महिलाएं और लड़कियां होंगी. ये संकट बेहद गरीबी में रहने वाली कुल महिलाओं की संख्या को बढ़ाकर 43.5 करोड़ कर देगा. अनुमान के मुताबिक 2030 तक ये संख्या वैश्विक महामारी से पहले के स्तर तक नहीं लौट पाएगी.'


अनुमान के अनुसार वैश्विक महामारी सामान्य तौर पर समूची वैश्विक गरीबी को प्रभावित करेगी लेकिन महिलाएं अत्यधिक प्रभावित होंगी. इनमें खासकर प्रजनन आयु वर्ग की महिलाएं और भी प्रभावित होंगी. 2021 तक बेहद गरीबी में रह रहे 25 से 34 साल के 100 पुरुषों पर 118 महिलाएं होंगी. ये अंतर 2030 तक प्रति 100 पुरुष पर 121 महिलाएं हो जाएगा.


संयुक्त राष्ट्र महिला (यूएन वीमन) संस्था की कार्यकारी निदेशक फुमजाइल म्लाम्बो नगकुका ने कहा, 'महिलाओं की अत्यंत गरीबी में ये बढ़ोतरी, हमारे समाजों और अर्थव्यवस्थाओं को हमने जिन तरीकों से बनाया है उनमें गहरी खामियों को दिखाता है.'


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