नई दिल्ली: केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) का आज पटना में अंतिम संस्कार होगा. इससे पहले पासवान के पार्थिव शरीर को आज लोक जनशक्ति पार्टी के ऑफिस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद भी पटना में हैं.


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कल उनके पार्थिव शरीर को विशेष विमान से पटना लाया गया. रामविलास पासवान की पत्नी, बेटे चिराग पासवान, भाई पशुपतिनाथ पारस समेत परिवार के सभी सदस्य भी एयरपोर्ट पर मौजूद रहे. 


9 अक्टूबर कल दिल्ली में उनके आवास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ कई नेताओं ने श्रद्धांजलि दी. प्रधानमंत्री मोदी ने परिवार को सांत्वना भी दी.


8 अक्टूबर को रामविलास पासवान का दिल्ली में निधन हो गया था. उनके बेटे चिराग पासवान ने इसकी जानकारी ट्विटर पर दी थी. पासवान लंबे समय से बीमार चल रहे थे.


केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संस्थापक 74 वर्षीय रामविलास पासवान  (Ram Vilas Paswan) पिछले कई हफ्तों से दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट हार्ट इंस्टीट्यूट अस्पताल में भर्ती थे और हाल ही में उनकी हार्ट सर्जरी हुई थी. गुरुवार को पासवान के स्वास्थ्य में गिरावट आई और शाम 6 बजकर 5 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली. रामविलास पासवान के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीएम नरेंद्र मोदी समेत देशभर के कई नेताओं ने शोक जताया.


रामविलास पासवान के बेटे और लोजपा (LJP) के अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने पिता के निधन की जानकारी देते हुए शोक जताया. उन्होंने ट्वीट किया, 'पापा...अब आप इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन मुझे पता है आप जहां भी हैं हमेशा मेरे साथ हैं. मिस यू पापा.'


राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने लिखा, "केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन से देश ने एक दूरदर्शी नेता खो दिया है. उनकी गणना सर्वाधिक सक्रिय तथा सबसे लंबे समय तक जनसेवा करने वाले सांसदों में की जाती है. वे वंचित वर्गों की आवाज मुखर करने वाले तथा हाशिए के लोगों के लिए सतत संघर्षरत रहने वाले जनसेवक थे." उन्होंने आगे लिखा, "आपातकाल विरोधी आंदोलन के दौरान जयप्रकाश नारायण जैसे दिग्गजों से लोकसेवा की सीख लेने वाले पासवान जी फायरब्रांड समाजवादी के रूप मे उभरे. उनका जनता के साथ गहरा जुड़ाव था और वे जनहित के लिए सदा तत्पर रहे. उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी गहन शोक-संवेदना."


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने लिखा, "साथ में काम करना, पासवान जी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना एक अविश्वसनीय अनुभव रहा. मंत्रिमंडल की बैठकों के दौरान उनकी बातें व्यावहारिक होती थीं. राजनीतिक ज्ञान, राज्य-कौशल से लेकर शासन के मुद्दों तक, वो प्रतिभाशाली थे. उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना. ओम शांति."


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