नई दिल्ली: यूपी में विधान सभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) के लिए सभी राजनीतिक दलों ने जोर लगाना शुरू कर दिया है. मुकाबले में कई पार्टियां और कई नेता हैं. लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) और पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव इस वक्त सबसे ज्यादा एक्टिव नजर आ रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से कर्मयोगी का सर्टिफिकेट मिला और योगी की तैयारी अयोध्या के विकास मॉडल को यूपी के विकास मॉडल के तौर पर पेश करने की है. वहीं 5 अगस्त को समाजवादी पार्टी के दो बड़े कार्यक्रमों के साथ अखिलेश यादव ने भी 2022 के लिए हुंकार भर दी है.


UP में किसकी हवा? 


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2022 यूपी विधान सभा चुनाव में सियासी पार्टियों ने दम और दांव लगाने शुरू कर दिए हैं लेकिन यूपी में किसकी हवा है? इस सवाल का जवाब सभी तलाश कर रहे हैं. क्या योगी आदित्यनाथ के अयोध्या मॉडल को लोग पसंद करेंगे या फिर साइकिल की सवारी से अखिलेश को सत्ता मिलेगी. इन सवालों के बीच दोनों नेता अपनी तैयारियों को अगले स्तर पर लेने जाने की कोशिश में जुट गए हैं. 


अयोध्या पहुंचे CM योगी


5 अगस्त को राममंदिर के लिए भूमिपूजन की वर्षगांठ पर अयोध्या पहुंचकर मुख्यमंत्री ने रामलला की आरती उतारी. सीएम ने राममंदिर निर्माण के लिए चल रहे नींव भराई के कार्य की प्रगति भी देखी और अयोध्या के विकास परियोजनाओं की जानकारी ली. मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अयोध्या में अब तक 138 करोड़ की 17 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं. 54 परियोजनाओं में 3126 करोड़ की लागत से काम युद्धस्तर पर चल रहा है. अब सवाल उठता है कि 2022 में क्या बीजेपी अयोध्या मॉडल से विरोधियों पर बढ़त बनाने की तैयारी कर रही है. 


2022 में अयोध्या मॉडल से विजय?


- 2017 में अयोध्या में भव्य दीवाली मनाई गई 
- यूपी सरकार हर साल दीवाली पर बड़ा आयोजन करती है
- मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी कई बार अयोध्या के दौरे पर आए 
- अयोध्या के विकास कार्यों की खुद निगरानी करते हैं योगी 
- बीजेपी देश में अयोध्या के विकास मॉडल पेश करने की तैयारी में 
- अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य जारी 
- अयोध्या के विकास का प्लान केंद्र और यूपी ने तैयार किया


PM ने की CM की तारीफ


इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पीठ थपथपाई. उन्हें कर्मयोगी बताया. पीएम मोदी ने कहा कि बीजेपी सरकार के राज में यूपी के अंदर देश के ग्रोथ पावर हाउस बनने का आत्मविश्वास पैदा हुआ.


अखिलेश की साइकिल यात्रा


एक तरफ योगी आदित्यनाथ के​ विकास का अयोध्या मॉडल है तो वहीं दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की साइकिल यात्रा करके अपनी ताकत दिखाई. अखिलेश यादव की साइकिल यात्रा से तो यही लगता है कि समाजवादी पार्टी ने 2022 के चुनाव का आगाज कर दिया है. सपा ने एक नया नारा भी दे दिया है, ‘यूपी का ये जनादेश, अखिलेश आ रहे हैं’. इस थीम पर लखनऊ की सड़कों पर कई पोस्टर भी देखने को मिले.


सपा ने उठाए जनता के मुद्दे


साइकिल यात्रा के जरिए समाजवार्दी पाटी ने जनता के मुद्दे उठाए. महंगाई, बेरोजगारी, बिगड़ती कानून व्यवस्था का मुद्दा साइकिल यात्रा में छाया रहा. इसके अलावा किसानों की परेशानी, महिला सुरक्षा और रोजगार के मुद्दे भी छाए रहे. जनेश्वर मिश्र की जयंती पर साइकिल चलाकर ब्राह्मण वोट बैंक साधा. यही नहीं अखिलेश के पोस्टर्स में भगवान परशुराम की तस्वीरें भी दिखीं. 


बसपा का ब्राह्मण कार्ड


इसके अलावा बसपा ने यूपी के बलिया से ब्राह्मण सम्मेलन की भी शुरुआत की. ये तो शुरुआत है चुनाव से पहले अखिलेश यादव अपनी साइकिल की रफ्तार और तेज करने की कोशिश करेंगे. लेकिन 2022 में यूपी की जनता साइकिल की सवारी करती है या हिंदुत्व और विकास के अयोध्या मॉडल के साथ जाती है. या फिर कोई और विकल्प लोगों को भाता है..इसका पता लगने में अभी वक्त है.