सुबोध मिश्रा, बरेली. अयोध्या मामले पर मुस्लिम नेताओं से बातचीत करने मंगलवार को बरेली पहुंचे श्री श्री रविशंकर ने दरगाह आला हजरत पर चादर चढ़ाकर देश में अमन-चैन की दुआ मांगी. इसके बाद आध्यात्मिक गुरु पास मदरसे गए लेकिन वहां उन्हें घुसने नहीं दिया गया. मदरसे में वो बच्चों से अयोध्या मामले पर बात करना चाहते थे. श्री श्री 15 मिनट तक मदरसे के गेट पर खड़े रहे. इसके बाद अलखनाथ मंदिर के लिए रवाना हो गए. बरेली में उन्होंने आईएमसी के मौलाना तौकीर रजा खां से भी मुलाकात की थी. 


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मीडिया से बातचीत के दौरान आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक अपने सीरिया वाले बयान से मुकरते नजर आए. उन्होंने कहा कि मैं किसी को धमकी देने की बात सपने में भी नहीं सोच सकता. मैंने जो कहा वह धमकी नहीं है बल्कि मैंने सावधान किया है. उन्होंने कहा कि मिडिल ईस्ट की तरह हमारे देश में हिंसा नहीं होनी चाहिए. देश में अमन-शांति रहने दीजिए. 
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''दोनों पक्षों को बातचीत करनी होगी''
श्री श्री ने कहा कि अयोध्या मामले को सुलझाने के लिए कोर्ट के बाहर दोनों पक्षों को बैठना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि हम शांति का पैगाम लेकर आला हजरत के दरगाह आए हैं. हम नहीं चाहते कि मिडिल ईस्ट की तरह भारत में भी किसी मुद्दे को लेकर स्थिति खराब हो जाए.   


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''कुछ लोग मंदिर-मस्जिद के नाम पर माहौल खराब करना चाहते हैं''
वहीं, इस पूरे मसले पर मौलाना तौकीर रजा ने रविशंकर का पक्ष लेते हुए कहा कि कुछ लोग मंदिर मस्जिद के नाम पर देश का माहौल खराब करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि मैं नहीं चाहता कि किसी एक का दिल तोड़कर दूसरा खुशियां और जश्न मनाए. हमें बैठकर बातचीत करनी होगी तभी मामले का हल निकल सकेगा. उन्होंने कहा कि श्री श्री इसी काम के लिए निकले हैं.