जिसके नाम की दहशत थे कांपते थे लोग, उस फूलन के गांव से समझिए कालपी का चुनावी मूड
UP Election 2022 Ground Report from Foolan Devi village in Kalpi: एक दौर था जब चुनाव आते ही राजनीतिक दलों के नेता यहां मंडराते रहते थे. अब ऐसा नहीं है हालांकि समाजवादी पार्टी (SP) से सांसद रही फूलन देवी के नाम पर समाजवाद की राजनीति करने वाले लोग कभी कभार यहां चले आते हैं.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की चुनावी यात्रा में ज़ी न्यूज़ (Zee News) की टीम आपको हर इलाके और एक-एक विधान सभा की तस्वीर और मूड बताती है. इस कड़ी में आज बात यूपी के शेखपुर गुड़ा गांव की जो कालपी से तकरीबन 12 Km की दूरी पर है. हालांकि कालपी विधानसभा पर अभी बीजेपी (BJP) का कब्जा है. शेखपुर गुड़ा गांव में सिर्फ एक पतली सड़क है जो कई जगह से उबड़ खाबड़ है. ऐसे हालत से इतर इस गांव की चर्चा होती है फूलन देवी (Foolan Devi) के घर की वजह से.
सब वोट की माया
शेखपुर गुड़ा गांव में अधिकतर केवट और मल्लाह यानी निषाद समुदाय के लोग रहते हैं. गांव में कुछ हिस्से में पक्की सड़क बन गई है लेकिन अधिकतर हिस्सा कच्चा और कीचड़ भरा है. एक दौर था जब चुनाव आते ही राजनीतिक दलों के नेता इस गांव में खूब पहुंचते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं है. हालांकि समाजवाद की राजनीति करने वाले नेता फूलन की मां से मुलाकात करने कभी कभार आ जाते हैं. ये अलग बात है कि उनकी मदद के नाम पर अभी तक किसी ने कुछ खास काम नहीं किया है.
मां को दुख है कैसे पूरा होगा सपना?
घर में दाखिल होते ही फूलन देवी की मूर्ति दिखती है जो एक निजी संस्था ने लगवाई है. फूलन देवी की 90 वर्षीय मां मूला देवी पहले तो बात करने को तैयार नहीं हुईं क्योंकि उन्हें लगा कि किसी पार्टी का नेता आया होगा. जब उनके भतीजे ने समझाया कि मीडिया वाले हैं तब वह बात करने को तैयार हुईं. उन्होंने कहा कि बेटी के सपने अब तक अधूरे हैं. फूलन ने गांव में लड़कियों का स्कूल और पानी की टंकी बनवाने का सपना देखा था वो भी पूरा नहीं हुआ.
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कटिया से चलता है काम
शेखपुर गुड़ा गांव में करीब 75 मकान हैं. करीब 500 की आबादी वाले इस गांव में अधिकतर लोगों ने बिजली का कनेक्शन नहीं कराया है. यहां लोग कटिया से बिजली ले रहे हैं. बातचीत में पता चला कि बिजली का बिल बहुत ज्यादा आता था जिसे कोई परिवार चुका नहीं पाता था लिहाजा गांव के लोगों ने कनेक्शन कटवा दिए.
गांव में सरकारी स्कूल आठवीं तक है. 12वीं तक का सरकारी स्कूल न होने की वजह से लड़कियां और बच्चे बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं. गांव वाले बताते हैं कि एक प्राइवेट स्कूल है लेकिन उसकी फीस देना सभी के बस की बात नहीं है. हालांकि गांव वालों ने यह जरूर माना कि उन्हें राशन जरूर समय पर मिल जाता है.
हर साल यमुना में डूब जाते हैं घर
यमुना में उफान आने पर गांव के आधे से ज्यादा घर हर साल बाढ़ में डूब जाते हैं. फूलन देवी के भतीजे का कहना है कि नेता उनके घर आते हैं, वादे भी करते हैं लेकिन हालात नहीं बदले. फूलन देवी समाजवादी पार्टी (SP) से दो बार सांसद रहीं इसलिए निषाद वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए समाजवादी पार्टी के नेता चुनाव के पहले यहां जरूर आते हैं.
फूलन की हत्या से अधूरा रह गया सपना
गांव वाले बताते हैं की फूलन देवी को हमेशा गांव की चिंता रहती थी. वो कटान के क्षेत्र में हमेशा पक्की दीवार बनवाने की बात करतीं लेकिन अचानक हुई हत्या के बाद उनके सपने अधूरे रह गए. जब गांव के लोगों से हमने कालपी के चुनावी मुकाबले की चर्चा की तो लोगों ने खुलकर अपनी राय रखी.
बीजेपी-सपा में कड़ी टक्कर
पिछले चुनाव यानी 2017 में भले ही बीजेपी (BJP) ने कालपी (Kalpi) विधानसभा सीट पर कब्जा जमाया हो लेकिन यहां के चुनावी मूड और माहौल को देखकर ऐसा लगता है कि फूलन देवी के इलाके यानी कालपी में इस बार बीजेपी बनाम सपा का जोरदार मुकाबला होने वाला है.