UP: चुनाव से पहले भाजपा से इन नेताओं ने तोड़ा नाता, अब तक 8 इस्तीफे
यूपी में विधान सभा चुनाव से पहले कई नेताओं ने भाजपा का दामन छोड़कर दूसरे दलों का रुख कर लिया है. अब तक 8 नेता भाजपा से इस्तीफा दे चुके हैं. आइये आपको बताते हैं इन सभी नेताओं के बारे में..
नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव से पहले नेताओं का दल बदलने का सिलसिला जोर पकड़ने लगा है. राज्य में सत्तासीन भाजपा के भी कई नेताओं ने पाला बदल लिया है. भाजपा से अब तक 8 असंतुष्ट नेता इस्तीफा दे चुके हैं. भाजपा से अब तक नाता तोड़ने वाले नेताओं में तीन मंत्री हैं और पांच विधायक.
बीजेपी से इस्तीफा देने वाले नेता
1. स्वामी प्रसाद मौर्य, विधायक, पडरौना, कुशीनगर
2. दारा सिंह चौहान, विधायक, मधुबन, मऊ
3. धर्म सिंह सैनी, विधायक, नकुड़, सहारनपुर
4. रोशनलाल वर्मा, विधायक, तिलहर, शाहजहांपुर
5. बृजेश प्रजापति, बांदा, तिंदवारी, बांदा
6. विनय शाक्य, विधायक, बिधूना, औरेया
7. भगवती सागर, विधायक, बिल्हौर, कानपुर देहात
8. मुकेश वर्मा, विधायक, शिकोहाबाद, फ़िरोज़ाबाद
स्वामी प्रसाद मौर्य
68 वर्षीय स्वामी प्रसाद मौर्य यूपी के प्रतापगढ़ जिले के रहने वाले हैं. मौर्य लगभग तीन दशक से यूपी की राजनीति में सक्रिय भूमिका में रहे हैं. मौर्य ने पहली बार दल नहीं बदला है. वह पहले बसपा में थे. 2017 में मायावती से मतभेद होने के बाद उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था.
दारा सिंह चौहान
दारा सिंह चौहान की भी गिनती दल बदलने वाले नेताओं में होती है. उन्होंने सपा का साथ छोड़कर 2017 में भाजपा के टिकट पर मऊ की मधुबन विधान सभा से चुनाव जीता था. 2017 चुनाव से पहले ही दारा सिंह भाजपा में शामिल हो गए थे.
धर्म सिंह सैनी
सहारनपुर की नकुड़ विधान सभा सीट से चार बार के विधायक रहे डॉ. धर्म सिंह सैनी ने भी भाजपा से नाता तोड़ लिया है. उन्होंने पिछले चुनाव में कांग्रेस के इमरान मसूद को हराया था. इमरान मसूद भी हाल ही में सपा में शामिल हुए हैं.
रोशनलाल वर्मा
रोशनलाल वर्मा 2017 में बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. तिलहर से रोशनलाल वर्मा ने कांग्रेस-सपा के संयुक्त प्रत्याशी जितिन प्रसाद को हराया था. कई दिनों से उनके भाजपा के कुछ नेताओं से मतभेद की खबरें सामने आ रही थी.
भगवती सागर
भाजपा से इस्तीफा देने वाले भगवती प्रसाद सागर भी दल बदलने में माहिर हैं. वह पहले बसपा में थे. 2017 में उन्होंने भाजपा में रहते हुए बसपा के कमलेश दिवाकर को हराया था. भगवती प्रसाद सागर कानपुर देहात से आते हैं.
बृजेश प्रजापति
बृजेश कुमार प्रजापति ने भी भाजपा से इस्तीफा दे दिया है. बृजेश कुमार प्रजापति मूलरूप से बांदा के जारी ग्राम के रहने वाले हैं. 2017 के विधान सभा चुनाव में उन्होंने बसपा के जगदीश प्रसाद को हराया था.
विनय शाक्य
विनय शाक्य ने भी नाटकीय ढंग से भाजपा से नाता तोड़ लिया है. औरैया जिले की बिधूना सीट से भाजपा के विधायक रहे शाक्य के अपहरण की खबरों ने जोर पकड़ा था. जिसके बाद पुलिस ने स्पष्ट किया था कि कि उनका अपहरण नहीं हुआ है.
डॉ. मुकेश वर्मा
डॉ. मुकेश वर्मा भी दल बदलने में माहिर हैं. पिछले विधान सभा चुनाव से पहले ही वह भाजपा में शामिल हुए थे. भाजपा में शामिल होने से पहले वह बहुजन समाज पार्टी में थे. 2017 में बसपा छोड़कर भाजपा में और विधायक बने, उन्होंने शिकोहाबाद विधान सभा से चुनाव लड़ा था.
यूपी में 10 फरवरी से सात चरणों में चुनाव
उत्तर प्रदेश की 403 विधान सभा सीटों पर सात चरणों में चुनाव होने वाला है. पहले चरण में यूपी में 10 फरवरी को राज्य के 11 पश्चिमी जिलों की 58 सीटों पर मतदान होगा. दूसरे चरण में 14 फरवरी को 55 सीटों पर, 20 फरवरी को तीसरे चरण में 59 सीटों पर, 23 फरवरी को चौथे चरण में 60 सीटों पर, 27 फरवरी को पांचवें चरण में 60 सीटों पर, तीन मार्च को छठे चरण में 57 सीटों पर और सात मार्च को सातवें और अंतिम चरण में 54 सीटों पर मतदान होगा. मतगणना 10 मार्च को होगी.
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