UP Kannauj Girl Viral Video: हमारा समाज पैसों के मामले में भले ही धीरे-धीरे समृद्ध होता जा रहा हो लेकिन जब-तब ऐसी खबरें सामने आ जाती हैं, जो दिल को दुखा जाती हैं. ऐसी ही एक खबर का वीडियो खबर यूपी के कन्नौज जिले से सामने आया, जिसमें एक घायल  बच्ची जमीन पर पड़ी है और मदद की गुहार लगा रही है. लेकिन वहां खड़े लोग मदद करने के बजाय मोबाइल फोन पर उसकी वीडियो बनाने में व्यस्त हैं. 


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घायल लड़की की मदद के बजाय बनाए वीडियो


घायल लड़की उठने की हालत में नहीं है. वो हाथ से मदद का इशारा भी कर रही है लेकिन लोग मदद का हाथ नहीं बढ़ा रहे क्योंकि उनके हाथों में मोबाइल फोन हैं.जिससे वो घायल लड़की का अलग-अलग एंगल से वीडियो बना रहे हैं. 25 सेकेंड के इस वीडियो में समाज की सोच उजागर होती है जिसके लिए खून से लथपथ घायल बच्ची भी ट्रेडिंग वीडियो बनाने का मौका बन गई.


ये वीडियो उत्तर प्रदेश (UP) के कन्नौज जिले (Kannauj) का है. वीडियो में कोई भी शख्स बच्ची को बचाने के लिए आगे नहीं आता. भीड़ में खड़े लोगों के बीच मानों खुद को दूसरों से बेहतर वीडियोग्राफर साबित करने की होड़ मची है. इस बीच..लोग एंबुलेंस बुलवाने के लिए एक-दूसरे को बोलते भी सुनाई दे रहे हैं और खुद तस्वीर खींच रहे हैं. ये वो लोग हैं जो सिस्टम को कोसने में कोई कोताही नहीं बरतते. लेकिन जब अपना फर्ज़ निभाने का मौका आता है तो वीडियो बनाने लगते हैं.


दरोगा ने घायल बच्ची के लेकर लगाई दौड़


अब हम आपको इसी घटना का एक और वीडियो (UP Kannauj Girl Viral Video) दिखाते हैं. इस वीडियो में एक पुलिसवाला घायल बच्ची को गोद में लिए भागता दिखता है. लोग खड़े देख रहे हैं और पुलिसवाला दौड़ते हुए बच्ची को लेकर ऑटो में बैठता है. इस दौरान पुलिसवाले की टोपी भी गिर जाती है. लेकिन वो इसकी परवाह किये बगैर बच्ची को फौरन अस्पताल ले जाता है. ये चौकी इंचार्ज मनोज कुमार पांडेय हैं. जिन्होंने एक पल गंवाए बिना बच्ची को उठाया और अस्पताल की तरफ दौड़ पड़े.


तो अब हम आपसे एक सवाल पूछना चाहते हैं. अगर आप लोगों की भीड़ में शामिल होते तो क्या करते? क्या आप भी घायल बच्ची का वीडियो बनाते या उस बच्ची की मदद करते.


आपका हीरो कौन? वीडियो बनाते लोग या मदद करता पुलिसवाला


आप बताइए. इस घटना में आपका हीरो कौन है? वो लोग जिनके लिए सड़क पर पड़ी घायल लड़की Photo Opportunity थी. या वो पुलिसवाला, जिसने बच्ची की तुरंत मदद की. हम बच्ची की इज्जत का तमाशा बनाने वालों के साथ खड़े नहीं हो सकते. जो इस पुलिसवाले ने किया है, उसकी जितनी तारीफ की जाए, उतनी कम है. कुछ लोग कह सकते हैं कि ये तो पुलिसवाले का फर्ज था कि वो लड़की की मदद करे. ऐसे लोगों से हम पूछना चाहते हैं कि जो लोग घायल लड़की का अलग-अलग एंगल से वीडियो बनाने में मशगूल थे,क्या उनका कोई फर्ज नहीं था?


ये वीडियो (UP Kannauj Girl Viral Video) हम इसलिए दिखा रहे हैं क्योंकि हमारा मानना है कि लड़की की मदद के लिए दौड़ता ये पुलिसवाला ही असली सुपरकॉप है. जिनका सम्मान किया जाना चाहिए. जो लोग तड़पती बच्ची का वीडियो बना रहे थे. उनके चेहरे और पहचान सार्वजनिक होनी चाहिए ताकि उनको भी थोड़ी शर्म आए.  


यूपी के कन्नौज जिले की घटना


ये घटना कन्नौज में गुरसहायगंज मोहल्ले की है. जहां रहने वाली 13 साल की बच्ची रविवार को दोपहर करीब 12 बजे घर से मिट्टी की गुल्लक लेने निकली थी. काफी देर तक जब वो घर नहीं लौटी तो घरवालों ने छानबीन की. शाम करीब 5 बजे बच्ची एक सरकारी गेस्ट हाउस के पास मिली. उसके शरीर पर कई जख्म थे और सिर पर भी चोट के निशान थे. उसके बाद क्या हुआ. ये आप देख ही रहे हैं. बच्ची के परिवार का आरोप है कि उनकी बच्ची को रेप के मकसद से अगवा किया गया था.


बच्ची को कानपुर के हैलट अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. जहां 5 डॉक्टरों की पैनल ने बच्ची का मेडिकल किया है, जिसमें रेप की पुष्टि नहीं हुई है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक हो सकता है कि रेप के मकसद से बच्ची को अगवा किया गया हो और बच्ची के विरोध के कारण उस पर हमला किया गया हो. जिससे वो बुरी तरह घायल हो गई. बच्ची को मरा समझकर आरोपी उसे सुनसान जगह पर फेंककर फरार हो गए होंगे . बच्ची की पहचान छिपाने के लिए उसके सिर को कुचलने की कोशिश भी हुई है. लड़की के परिवार की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है. लेकिन अभी तक मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. पुलिस अभी बच्ची का बयान लेने का इंतजार कर रही है जो अभी भी होश में नहीं है.


क्या तमाशबीन बने लोगों की कोई जिम्मेदारी नहीं?


इस बच्ची की इस हालत के लिए जो भी जिम्मेदार है. कानून उसको पकड़ेगा भी और उसके किए की सजा भी देगा. लेकिन इस घायल बच्ची के साथ जो समाज के इन लोगों ने किया है, उसका हिसाब कौन करेगा? क्या वीडियो (UP Kannauj Girl Viral Video) बनाते लोग बच्ची के गुनहगार नहीं है. जिन्होंने बच्ची को अस्पताल पहुंचाना जरूरी नहीं समझा. ये घटना हमारे उस समाज का आईना है, जो हर चीज के लिए सिस्टम को जिम्मेदार ठहरा देता है और अपने कर्तव्यों से पल्ला झाड़ लेता है.


समाज की इस शर्मनाक सोच का एक और वीडियो हम आपको दिखाते हैं. कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश के ही मुरादाबाद का एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें एक युवती बिना कपड़ों के सड़क पर घूमती दिख रही है. वहां से गुजर रहे लोग उसे घूरते हुए जा रहे हैं और कई लोग तो उसके वीडियो भी बना रहे हैं. वहां से गुजरने वाले किसी भी शख्स ने रुककर लड़की को कपड़े पहनाना जरूरी नहीं समझा बल्कि लड़की को देखते हुए आगे बढ़ते चले गए.


मुरादाबाद में भी सामने आ चुका है वाकया


पुलिस के मुताबिक लड़की मानसिक रुप से बीमार है. लेकिन परिवारवालों ने आरोप लगाया था कि लड़की के साथ गैंगरेप हुआ है. लेकिन मेडिकल जांच में इसकी पुष्टि नहीं हुई. हालांकि पुलिस ने इस केस में एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया था. लेकिन मुद्दा ये नहीं है कि लड़की के साथ गैंगरेप हुआ या वो मानसिक तौर पर विक्षिप्त थी. मुद्दा ये है कि लड़की करीब दो किलोमीटर तक बिना कपड़ों के सड़क पर चलती हुई घर पहुंची. लेकिन पूरे रास्ते में एक भी शख्स ऐसा नहीं था, जिसने इंसानियत के नाते ही सही, लड़की की मदद की हो.


हर घटना के बाद पुलिस पर उंगली उठा देना बहुत आसान होता है. लेकिन अपने गिरेबां में झांकना मुश्किल. जो समाज सड़क पर तड़पती लड़की की मदद करने के बजाय वीडियो (UP Kannauj Girl Viral Video) बनाना जरूरी समझता है, उस समाज को ये हक नहीं है कि वो सिस्टम पर सवाल उठाए.


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