UP के इस शहर में प्राचीन मंदिर को हटाने पर मचा बवाल? 5 साल पहले भी हुआ था विवाद
Hanuman Mandir on NH 24: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एनएच-24 पर कछियाना खेड़ा में बीच रास्ते में बना डेढ़ सौ साल पुराने प्रसिद्ध हनुमान मंदिर (Hanuman Mandir) को शिफ्ट किए जाने के काम के साथ ही विवाद खड़ा हो गया है.
Kachiyani Kheda Hanuman Mandir: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में करीब डेढ़ सौ साल पुराने मंदिर को लेकर विवाद शुरू हो गया है.दरअसल, ये मंदिर नेशनल हाईवे पर है और इसलिए प्रशासन ने मंदिर को हाईवे से 80 मीटर पीछे खिसकाने का काम शुरू कर दिया है. इसके लिए बाकायदा एक कंपनी को कॉन्ट्रेक्ट दिया गया है, लेकिन वहां के लोगों ने इसका जबरदस्त विरोध किया. लोगों ने मुहिम शुरू कर दी है कि मंदिर को उसकी असली जगह से हटाने नहीं देंगे.
150 साल पुराना प्रसिद्ध हनुमान मंदिर
शाहजहांपुर में एनएच-24 पर कछियाना खेड़ा में बीच रास्ते में बना डेढ़ सौ साल पुराने प्रसिद्ध हनुमान मंदिर (Hanuman Mandir) को शिफ्ट किए जाने के काम के साथ ही विवाद खड़ा हो गया है. यहां लोग इस शिफ्टिंग के विरोध में सड़क पर आ गए हैं. हिंदू सगंठनों ने आरोप लगाया है कि यहां लोगों की आस्था से खिलावड़ किया जा रहा है. मंदिर बचाने की गुहार लगा रहे लोगों का कहना है कि शिफ्टिंग बिना संज्ञान में लिए हो रही है और यह आस्था पर प्रहार है.
डीएम की धमकी का ऑडियो भी विवाद की वजह
डीएम द्वारा महंत को धमकी देने का ऑडियो भी विवाद की वजह बनने लगा है. फिलहाल मंदिर को शिफ्ट करने की कार्रवाई लगातार जारी है. दरअसल, 5 साल पहले भी प्रशासन ने इस मंदिर को हटाने की कोशिश की थी, लेकिन तब भी विरोध के चलते काम रोक दिया गया. लेकिन, इस बार प्रशासन ने नेशनल हाईवे से दूसरी जगह 80 मीटर पीछे शिफ्ट करने का काम एक कंपनी को सौंपा है.
टेक्निक का इस्तेमाल कर हटाया जाएगा मंदिर
मामले की गंभीरता को देखते हुए यूपी पुलिस और प्रशासन ने कमर कस ली है. पुलिस चप्पे-चप्पे पर मौजूद है. ताकि कोई अनहोनी ना हो जाए. शाहजहांपुर के एडीएम राशि कृष्ण ने कहा कि मंदिर को हटाने के लिए टेक्निक का इस्तेमाल किया जा रहा है और इसमें करीब डेढ़ महीने का समय लगेगा. इसमें काफी लोग लगे हैं, जिन्होंने इस तरह के प्रोजेक्ट इंडिया में किया है.
पूर्व एमएलसी जयेश प्रसाद ने भी खोला मोर्चा
मंदिर को हटाने का विरोध को लेकर पूर्व एमएलसी जयेश प्रसाद ने भी मोर्चा खोल दिया है. उनका कहना है कि मंदिर के महंत और दूसरे संतो को विश्वास में लिए बगैर ही जिला प्रशासन मंदिर को मशीनों के जरिए शिफ्ट कर रहा है. उन्होंने स्वामी चिन्मयानंद और जूना अखाड़े को कमेटी में शामिल करने की मांग की है.
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