Muzaffarnagar: 80 साल के बुजुर्ग ने वसीयत लिख शरीर समेत करोड़ों की संपत्ति राज्यपाल के नाम की, बोले- यह हर नालायक औलाद के लिए संदेश है
Muzaffarnagar News: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में बेटे-बहू से परेशान बुजुर्ग ने अपनी सारी संपत्ति राज्यपाल के नाम कर दी है. बुजुर्ग एक वृद्धाश्रम में रह रहे हैं.
मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) से बेहद ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक 80 साल के बुजुर्ग ने अपनी वसीयत सरकार के नाम कर दी. बुजुर्ग ने अपनी संपत्ति उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के नाम कर दी है. बुजुर्ग ने अपने बेटे से अंतिम संस्कार का हक भी छीन लिया है. उन्होंने अपनी वसीयत में लिखा है कि उनके मरने के बाद बेटा चिता को आग भी न दे.
क्या है पूरा मामला?
मामला मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना तहसील के गांव बिराल का है. यहां 80 साल के बुजुर्ग नत्थू सिंह रहते हैं. उनकी पत्नी की मौत हो चुकी है. उनका एक बेटा और चार बेटियां हैं. एक बेटे का पहले ही निधन हो चुका है. नत्थू सिंह ने अकेले ही अपने बच्चों की शादी की है. चारों बेटियां ससुराल में खुशी से रह रही हैं. नत्थू का छोटा बेटा मूलचन्द सहारनपुर में अपने परिवार के साथ रहता है. उन्होंने आरोप लगाया है कि बेटा उनकी देखभाल नहीं करता है. उनके साथ बुरा व्यवहार करता है. जिसकी वजह से वह अपना जीवन वृद्धा आश्रम में काट रहे हैं. वह अपने हाथों से रोटी बनाते हैं और खाते हैं.
बहू-बेटे ने जान लेने की भी की कोशिश
नत्थू ने बताया कि बेटा मूलचंद अपने दोस्तों के सामने उन्हें बेइज्जत करता था. बेटा और बहू उनसे घर का काम करवाते थे. इतना ही नहीं उन्हें बचा हुआ खाना दिया जाता था. बहू और बेटे ने कभी उनकी इज्जत नहीं की. उन्होंने आरोप लगाया कि कई बार बेटे और बहू ने उनकी हत्या का प्रयास किया. उनका गला दबाने की कोशिश की, लेकिन किसी तरह से वह बच निकले. जिसके बाद उन्होंने वृद्धाश्रम आने का फैसला कर लिया. 4 मार्च को तहसील में जाकर अपनी संपत्ति की वसीयत कर दी. जिसमें उन्होंने अपना शरीर व डेढ़ करोड़ की संपत्ति राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के नाम कर दिया. उनका कहना है कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि राज्यपाल इससे किसी जरूरतमंद की मदद कर सकें.
समाज के सामने पेश की नजीर
नत्थू सिंह ने कहा कि ऐसा कर उन्होंने समाज के सामने एक नजीर पेश की है. उन्होंने संपत्ति से बेटे को बेदखल कर आदर्श प्रस्तुत किया है, ताकि दूसरों की नालायक औलादें इस बात को समझ लें और इससे सीख लें कि माता-पिता के साथ ऐसा बर्ताव करने वालों के साथ भी ऐसा हो सकता है.
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