UP सरकार का फैसला- क्वॉरंटीन अवधि पूरी करने के बाद ही जेल में होगी नए कैदियों की एंट्री
अपर मुख्य सचिव ने आदेश दिया हैं कि जिन जनपदों में अस्थाई जेल नहीं है, वहां जल्द से जल्द इन्हें तैयार कर लिया जाए और नए कैदियों को वहां रखने की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अब सरकार ने नए कैदियों को लेकर आदेश जारी कर दिए हैं. सभी जिलाधिकारियों से कहा गया है कि नए कैदियों का पहले एंटीजन टेस्ट करवाया जाए, जहां से रिपोर्ट निगेटिव आने पर उन्हें 14 दिन अस्थाई जेल में क्वॉरंटीन करने के बाद ही जेल में भेजा जाएगा.
बता दें कि यूपी में कोरोना के संक्रमण से जेल के कर्मी और कैदी भी अछूते नहीं हैं, प्रदेश की कई जेलों से सैंकड़ों कैदियों के कोविड-19 संक्रमित होने की खबर आती रही हैं. जिसके बाद अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी की ओर से नए आदेश जारी किए गए हैं. आदेश में साफ कहा गया है कि हर जिले में एक अस्थाई जेल होगी.
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अपर मुख्य सचिव ने आदेश दिया हैं कि जिन जनपदों में अस्थाई जेल नहीं है, वहां जल्द से जल्द इन्हें तैयार कर लिया जाए और नए कैदियों को वहां रखने की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. उन्होंने कहा कि अगर नए कैदी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उसे पुलिस अभिरक्षा में ही सीधे संबंधित जनपद के L-1 हॉस्पिटल में उपचार के लिए भेजा जाए.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के 16 जिलों में अस्थाई जेल नहीं हैं, जिनमें बरेली, बलिया, बलरामपुर, बस्ती, चित्रकूट, एटा, इटावा, अयोध्या, फतेहगढ़, उरई, जौनपुर, कानपुर देहात, कौशांबी महाराजगंज, मैनपुरी और मऊ शामिल हैं. इनमें जौनपुर, बस्ती और मऊ में अस्थाई जेल थी लेकिन बाद में बंद कर दी गई थी.
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