पिथौरागढ़: उत्तराखंड सरकार को प्रदेश का पहला ट्यूलिप गार्डन पिथौरागढ़ जिले में विकसित करने के लिये केंद्र की मंजूरी मिल गयी है. प्रदेश के वित्त मंत्री और स्थानीय विधायक प्रकाश पंत ने कहा कि प्रस्तावित ट्यूलिप गार्डन चंडक पर्वतीय शिखर के पास 50 हेक्टेअर से अधिक वन भूमि पर ओएनजीसी द्वारा कारपोरेट सामाजिक दायित्व के तहत विकसित किया जायेगा. उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर के बाद यह देश का दूसरा ट्यूलिप गार्डन होगा और इसका आकार श्रीनगर के गार्डन से बड़ा होगा.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कश्मीर के इस गार्डन में खिले 4 लाख ट्यूलिप के फूल, देखिए तस्वीरें


पंत ने बताया कि चंडक पर्वत शिखर के पास माड गांव में बनने वाले इस गार्डन पर 50 करोड रूपये की लागत आयेगी . उन्होंने कहा कि इस स्थान का चयन राज्य सरकार की '13 जिले—13 नये पयर्टक स्थल' योजना के तहत किया गया है जिससे जिले में पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ाया जा सके. इस संबंध में दिल्ली में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान से मुलाकात के बाद पंत ने बताया, ''केंद्रीय मंत्री द्वारा परियोजना को अनुमति दिये जाने के बाद हमें ओएनजीसी से पूरी मदद मिलने की अपेक्षा है ." 


एशिया का सबसे बड़ा ट्युलिप गार्डन श्रीनगर में


उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण से जुडे एक सेवानिवृत्त अधिकारी आइ ए खान ने बताया कि ट्यूलिप को पर्वतीय क्षेत्रों के साथ ही मैदान इलाकों में भी उगाया जा सकता है. हांलांकि मैदानी इलाकों में इस फूल के बल्ब नहीं बन पाते हैं जो गार्डन के विस्तार के लिए जरूरी होते हैं . हालैंड का फूल ट्यूलिप मार्च से मई के बीच खिलता है. पिथौरागढ़ के प्रभागीय वन अधिकारी और गार्डन के परियोजना अधिकारी विनय भार्गव ने बताया कि चंडक पर्वत शिखर के पास 1950 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चयनित स्थल ट्यूलिप के लिये आदर्श स्थान है क्योंकि यहां वर्ष भर धूप रहने के साथ ही ठंडक भी बनी रहती है .