आगरा: आगरा न्यायालय में आज यानी बुधवार को जाने माने कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर के खिलाफ केस दर्ज करवाया गया. दरअसल, अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने देवकीनंदन ठाकुर के खिलाफ मानहानि केस दर्ज करवाया है. मामले की सुनवाई सिविल जज (जूनियर डिवीजन-1) के सामने की जाएगी. अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने इस बारे में जानकारी दी है कि 3 दिसंबर को एक अखबार में देवीकनन्दन ठाकुर ने कथावाचन के दौरान वाराणसी में भारत विभाजन व कश्मीरी ब्राह्मणों के नरसंहार के लिए जयचंदों को दोषी बताया साथ ही सनातन धर्म को जयचंदों से खतरा बताया, लेकिन जयचंद के नाम का कोई जिक्र कहीं भी इतिहास में नहीं है लेकिन फिर भी ऐतिहासिक व्यक्ति को दोषी कहा जा रहा है. आपको बता दें कि बीएनएस के धारा 356 (2) के तहत केस दर्ज करवाया गया है.


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मुसलमानों का नाम लेने से डरते क्यों हैं? 
अधिवक्ता ने कहा कि भारत विभाजन और कश्मीरी ब्राह्मणों का नरसंहार धर्म पर आधारित था. ये काम मुसलमानों ने किया, उनके कृत्य के लिए कैसे जयचंद दोषी हुआ. अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने ये भी जानकारी दी है कि व्यासपीठ जैसे सार्वजनिक मंच से कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर मुसलमानों का नाम लेने से डरते क्यों हैं.


जयचंद को लेकर सबूत 
अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने ये भी कहा कि जयचंद कन्नौज के राजा थे, अब तक रिसर्च में कोई प्रमाण नहीं है जिससे साबित हो कि राजा जयचंद गद्दार थे या फिर हम्मद गौरी को उन्होंने बुलाया. ऐसा किसी तरह का अभिलेख भारत सरकार के पास भी उपलब्ध नहीं है जिससे गौरी को जयचंद ने आमंत्रित किया इसे साबित किया जा सके. उन्होंने बताया कि जौनपुर सिविल न्यायालय में उनका अटाला माता मंदिर केस विचारधीन है, ऐतिहासिक साक्ष्य प्रमाणित करते हैं महाराज जयचंद ने अटाला माता मंदिर बनवाया. ऐसा कोई प्रमाण नहीं अब तक नहीं मिला जो साबित करे कि जयचंद गद्दार थे. 


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