शोभित चतुर्वेदी/आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में चंबल नदी के रौद्र रूप से बाह तहसील के लगभग 40 गांवों में हाहाकार मचा हुआ है. लोग पलायन को मजबूर हैं. यंहा चंबल खतरे के लाल निशान से पांच मीटर ऊपर बह रही है. पानी में पूरी तरह से डूबे लगभग एक दर्जन गांवों का आवागमन बन्द है. प्रशासन ने जरूरत मंदों के लिए इन गावों में स्टीमर के इंतजामात किए हैं. 


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घर और स्कूल डूबे
चंबल नदी का जलस्तर बढ़कर 135.70 मीटर पर पहुंच गया है, जबकि खतरे का निशान 130 मीटर पर है. बाढ़ का पानी आसपास के कई गांवों में घुस गया है. घर और स्कूल डूब गए हैं. प्रशासन की टीमें गांवों से लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचने में जुटी है.


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तहसील मुख्यालय से संपर्क टूटा
चंबल नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण तटवर्ती इलाकों के गांवों के रास्ते पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं . दर्जनभर गांव का तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट गया है. गांवों में आवाजाही पूरी तरह से बंद है. चंबल में बढते जलस्तर के कारण लोग अपनी जान बचाने के लिए ऊंचे टीलों पर तंबू बना कर रहे हैं. अपने परिवार के साथ पशुओं को लेकर सुरक्षित स्थानों पर स्थापित हो गए हैं.प्रशासन द्वारा मदद के लिए राज्य कर्मचारी सतर्क हो गए हैं. तहसील प्रशासन द्वारा जिला प्रशासन से एनडीआरएफ की टीम की मांग की गई है


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चंबल नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है
बता दें कि मध्यप्रदेश में हो रही बारिश और कोटा बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के चलते चंबल नदी का जलस्तर तेजी के साथ बढ़ रहा है. बुधवार को चंबल का जलस्तर पिनाहट घाट पर खतरे के निशान 130 मीटर को पार कर 135 मीटर देर रात तक पहुंच गया था.


बचाव के लिए चलाए गए स्टीमर 
वहीं, गुरुवार सुबह पिनाहट पर नदी का जलस्तर 135.80 मीटर पहुंच गया है, जो बढ़ रहा है, तटवर्ती इलाकों के ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. चंबल में खतरे का निशान से 4 से 5 मीटर ऊपर पहुंच कर बह रही है. वहीं पानी और बढ़ने की संभावना जताई गई है. तटवर्ती इलाकों के प्रभावित गांव को लेकर प्रशासन द्वारा वन विभाग के चार स्ट्रीमर लोगों के आवागमन एवं राहत सामग्री पहुंचाने के लिए चलाए गए हैं.